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Wednesday, December 17, 2025
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    King of china

    प्रेरणास्त्रोत : चीन का राजा

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    वो अपना दु:ख लिखकर दूसरे दिन संत के पास पहुँचा। उसने अपने दु:ख का कागज, संत को दिया। संत के पास लोग अपने-अपने दु:खों के लिखे हुए कई कागज छोड़ गये थे। संत ने उस व्यक्ति से कहा, तुम अपना कागज रखकर कोई दूसरा कागज, जिसमें ‘‘दु:ख’’ कम हो, वो अपने साथ ले जाओ। उसने कई कागज पढ़ें पर उसे किसी का भी दु:ख समझ में नहीं आया।
    Dalit, Bets, Politics, Meira Kumar, Ramnath Kovind

    राजनीति के शीर्ष पर दलित दांव

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    देश के सबसे बड़े दो राजनीत...
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    संरा के मंच से पाकिस्तान को कड़ा संदेश

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    बैंक पुन: पूँजीकरण और बैंकिंग सुधार

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    चालू वित्त वर्ष में सार्व...
    Public, Rights, Wins, Artical

    जनता के अधिकारों की जीत

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    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ...
    Guru Nanak's compassion

    प्रेरणास्त्रोत: गुरु नानक की करुणा

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    सेठ ने आश्चर्य का पार न रहा। हाथ जोड़कर बोला- ‘‘गुरुदेव! आप क्या कह रहे हैं? परलोक में तो मनुष्य कुछ भी नहीं ले जा सकता। सब यहीं का यहीं धरा रह जाता है।’’
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    जल संग्रह गहरा हो ऊंचा नहीं

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    बढ़ती आबादी तथा ओद्योगिकीक...
    Festivals, People, Supreme, Court

    त्यौहार, लोग और सुप्रीम कोर्ट

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