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Wednesday, June 18, 2025
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    Sheiksh-Farid

    संत शेख फरीद

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    महापुरुष सूखे नारियल की तरह होते हैं और आम आदमी गीले नारियल जैसा। जब तक वह भौतिक वस्तुओं के आकर्षण और रिश्ते-नातों के मोह में बँधा है, कष्ट की नौबत आने पर दुखी होता है, जबकि संत-महात्मा सूखे नारियल की भाँति मोह से परे होते हैं, जैसे खोल से सूखा नारियल।
    Maharishi disciples

    महर्षि का शिष्य

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    महर्षि बोधायन शिष्यों के ...
    Spirituality

    रूहानी करिशमा : 15 मिनट का रहस्य

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    हमारे गांव का एक सत्संगी ...
    Saha-Mastana-Ji-Maharaj

    कड़वा बोलने वाले अफसर हो हुआ अपनी गलती का अहसास

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    डेरा सच्चा सौदा, सरसा में...

    …जब सोमनाथ को मौत के मुंह से निकाल लाए सतगुरू

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    अक्सर हम छोटी-मोटी परेशान...

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    स्वायत्त शासन विभाग के मं...