श्रीराम और परशुराम
उनका वास्तविक स्वामी तो वह होगा जो उनकी देखभाल करे और हमेशा उनकी सेवा मेें जुटा रहे, शिष्य ने उत्तर दिया।
प्रवासी मजदूरों की दास्तां
मई महीने में मौसम में बढ़ रही तपिश, रात को ठहरने का कोई प्रबंध न होना, भूखे पेट रहना मजबूत अर्थव्यवस्था जैसे आदर्शों की सफलता में बड़ी रुकावट है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को प्रवास से घर लौट रहे मजदूरों की पीड़ाजनक दास्तां देखनी व समझनी चाहिए, इनकी घर वापिसी को तेज, सुखद व सफल बनाना चाहिए।


























