रूहानी सवाल-जवाब
जिज्ञासुओं के सवाल पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के जवाब:-
प्रश्न : कोई आत्महत्या कर लेता है तो क्या यह उस इन्सान की प्रारब्ध है? यदि उसका अंत ही ऐसा है तो उसे आत्महत्या का दंड क्यों?
उत्तर : एक-न-एक दिन हर किसी ने जाना है और कुदरती मृृत्यु क...
साहूकारों से लिए कर्ज को कैसे चुकाए किसान
सरकार किसानों का अरबों रुपए का ऋण माफ करने की तैयारी कर रही है किन्तु जो किसान वास्तव में ऋणगस्त हैं उन्हें इससे कोई राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि उन्होंने साहूकारों से ऋण लिया है, जो सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के दायरे में नहीं आता है। वास्तव में भारत ...
‘‘मस्ताना पैसों का भूखा नहीं है, मस्ताना प्यार का भूखा है’’
जब लगी तरबूज की बोली
मोती राम जिन्हें पूजनीय शाह मस्ताना जी महाराज प्यार से प्रह्लाद कहकर पुकारते, वाल्मीकि चौक सरसा का रहने वाला पुराना सत्संगी कविराज है। उसकी इच्छा थी कि हमारे इलाके के लोग शराब एवं मांस आदि का सेवन करते हैं यह सब बुराईयां दूर होन...
बाढ़: प्राकृतिक आपदा में आदमी
देश के ज्यादातर क्षेत्र में मानसून ने जोरदार दस्तक दे दी है, लेकिन कई इलाके बाढ़ में डूबने की त्रासदी झेल रहे हैं। इस कारण ऊंचे इलाकों में तो हरियाली दिख रही है, किंतु निचले क्षेत्रों में फसले चौपट हो गई हैं। असम के करीमगंज जिले में सुप्राकांधी गांव न...
विश्व का सबसे महंगा टूनार्मेंट है फीफा वर्ल्ड कप
भले ही भारत सहित दुनियाभर के अनेक देशों में खेल प्रेमियों और यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों तक पर क्रिकेट की खुमारी छाई नजर आती है किन्तु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फुटबाल न केवल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है बल्कि इसमें पैसा भी क्रिकेट के मुकाबले कई ग...
‘रमन प्रभाव’ की खोज के स्मरण का दिन
28 फरवरी 1928 को चन्द्रशेखर वेंकेट रमन ने लोक सम्मुख अपनी विश्व प्रसिद्ध खोज ‘रमन प्रभाव’ की घोषणा की थी। ‘रमन प्रभाव’ के लिए ही 1930 में सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार मिला था। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं विज्ञान मंत्रालय द्वारा रमन की...
शिक्षा तंत्र में बदलाव की जरूरत
वर्तमान समय की शिक्षा व्यवस्था को देखकर महसूस होता हैं कि नीचे से लेकर ऊपर तक पूरे शिक्षा तंत्र को बदलने की जरूरत है। हम उपाधियां बांट रहे है मगर रोजगार नहीं है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का अभाव है। लंबे समय से नई शिक्षा नीति की जरुरत महसूस की जाती रही ...
शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान से नहीं है
बच्चे का सबसे पहला विद्यालय उसका घर और सबसे पहले गुरु उसके माता-पिता होते हैं। बच्चा प्रारम्भ में अपने माता-पिता से ही सारी क्रियाएं सीखता है और अपना ज्ञान अर्जित करता है। माता-पिता न सिर्फ बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं बल्कि सही-गलत की पहचान कराते...
पर्यावरण अनुकूल दिवाली मनाने का लें संकल्प
पर्व-त्योहारों का हिन्दू दैनंदिनी में समय-समय पर दस्तक देना भारतीय समाज की प्रमुख विशेषता रही है। इन पर्व-त्योहारों में निहित संदेशों से इसकी महत्ता स्पष्ट होती है। पर्व-त्योहार, न सिर्फ व्यक्ति के जीवन में व्याप्त नीरसता को खत्म करते हैं, बल्कि परिव...
वैज्ञानिक अनुसंधान: बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता
हाल ही में वैज्ञानिकों ने देश के विभिन्न शहरों में मार्च फोर साइंस का आयोजन कर विज्ञान के लिए अधिक धन राशि के आवंटन की मांग की तथा अवैज्ञानिक और पुरातनपंथी विचारों तथा धार्मिक असहिष्णुता के प्रचार का विरोध किया।
इस अभियान में विभिन्न शैक्षणिक संस्था...
हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है ‘शुक्र’
हमारा सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह शुक्र है ज्यादातर लोग हमेशा सोचते हैं कि सबसे गर्म ग्रह बुद्ध होगा क्योंकि यह सूर्य के ज्यादा नजदीक है जबकि ऐसा नहीं है। शुक्र के वायुमंडल में कई प्रकार की गैसें पाई जाती हैं जो कि ‘ग्रीन हाउस इफेक्ट’ का कारण बनती हैं अत: शुक्र अधिक गर्म है।
अब जल संरक्षण हमारी पहली प्राथमिकता में रहे
देशभर में स्वच्छ और सुलभ जल की स्थिति सोचनीय है। अनियमित और असमान वर्षा भी देश के कई हिस्सों में जलसंकट बढ़ाने का कारण बन रही है। वैसे भी जिस तरह से हमारे देश में खेती-बागवानी अधिकांश रूप से या कहें कि पूर्ण रूप से मानसून पर ही निर्भर है तो कोई अतिशयो...
ले चलते हैं आपको रंग-बिरंगे तोतों की दुनिया में…
तोते को कौन नहीं जानता है। ये छोटे बच्चों को बहुत पसंद होता है। जो एक घरेलू पक्षी है। यह छोटे आकार का हरा और लंबी व पतली पूँछ वाला होता है। यह एक बहुत सुंदर पक्षी है। यह हरे रंग का 10-12 इंच लंबा पक्षी है, जिसके गले पर लाल कंठ होता है। इसकी आवाज छोटे...
कविता एवं राजनीति की मुखर साधिका सरोजिनी नायडू
भारत भूमि कर्म की पुण्य धरा है। यह साहित्य, शिक्षा, संस्कृति, संगीत, कला, ज्ञान-विज्ञान की जननी है और पोषक भी। यहां जीवन के विविध क्षेत्रों में जहां पुरुषों ने विश्व-गगन में अपनी सामर्थ्य की गौरव पताका फहराई है तो महिलाओं ने भी सफलता के शिखर पर अपने ...
साक्षरता की दिशा में कदम बढ़ाये सरकार
किसी भी देश के साक्षरता प्रतिशत का अच्छा होना उस देश के विकास और सम्पन्नता की स्थिति को प्रदर्शित करता है। साक्षरता का अर्थ पढ़ने लिखने की योग्यता से है जबकि अक्षरों का ज्ञान न होना निरक्षता कहलाता है। पुराना समय साधारण और सरल था। तब न तो जीवन इतना गत...