प्रेरणास्त्रोत: भगवान हमारे हैं
उसकी संकीर्णता उसे धर्म की ओर जाने से रोकती है। उसे ज्ञान का सहारा लेकर उदान बनना होगा। जिस तत्परता से वह सुखी होना चाहता है। उसी लगन से उसे धर्म की शरण में जाना होगा। धर्म, परमात्मा को बड़ा प्रिय है। वे धर्म की रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते हैं। जो मनुष्य धर्म का पालन करता है


























