हरित ऊर्जा पूरे भारत में सतत विकास को दे सकती है गति: दुष्यंत चौटाला

Dushyant Chautala
गुरुग्राम विवि में दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला।

जीयू में दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

  • श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा का संरक्षण आवश्यक | Dushyant Chautala

गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज)। गुरुग्राम विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग और कॉलेज ऑफ बिजनेस, वैलपराइसो विश्वविद्यालय, इंडियाना, यूएसए के संयुक्त तत्वावधान में व्यापार की पुनर्कल्पना: प्रौद्योगिकी एवं हरित प्रथाओं का उपयोग विषय पर दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किया। दो दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य विचारों, प्रौद्योगिकियों, रणनीतियों और हरित प्रथाओं को गति प्रदान करना है, जो आधुनिक युग में पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यवसायों के संचालन के तरीके को नया आकार दे सके।

उद्घाटन समारोह में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि व्यवसाय विकास, नई तकनीक और विशेष रूप से हरित प्रथाओं जैसे विषय केवल चर्चा के विषय नहीं है, बल्कि ये ऐसे स्तंभ हैं जिन पर प्रगति, स्थिरता और नवाचार की इमारत टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि समाज की भलाई एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित प्रथाओं के उपयोग पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा के संरक्षण की आवश्यकता

उप-मुख्यमंत्री ने हरित ऊर्जा पर बोलते हुए कहा कि हरित ऊर्जा पूरे भारत में सतत विकास को गति दे सकती है। भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है। उन्होंने श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा के संरक्षण को आवश्यक बताया। उन्होंने अपने सम्बोधन में इलेक्ट्रिक कारों, सोलर लाइटें, आईटी उद्योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि व्यवसाय, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण चेतना के क्षेत्र एक-दूसरे के साथ जटिल रूप से जुड़े हुए हैं। आज हमारे बिजनेस मॉडल में नई प्रौद्योगिकियों का एकीकरण अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। यह एक अनिवार्यता है।

अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर डाला प्रकाश | Dushyant Chautala

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने सम्मेलन में देश विदेश के सैकड़ों विद्वानों को एक मंच पर लाने के लिए जीयू के प्रबंधन विभाग और उसकी डीन अमरजीत कौर को बधाई दी। उन्होंने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आॅनलाइन माध्यम से विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के वरिष्ठ अधिकारी प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, विमानन उद्योग की अनुभवी डॉ. हरप्रीत एडी सिंह ने विमानन क्षेत्र में हरित प्रथाओं और तकनीकी प्रगति की आवश्यकता पर अपने विचार सांझा किए। Dushyant Chautala

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