Lalu Yadav Supreme Court case: नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को कथित ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। Lalu Yadav News
लालू यादव ने इस प्रकरण में दिल्ली उच्च न्यायालय के 29 मई 2024 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने न केवल सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी, बल्कि निचली अदालत में चल रही संपूर्ण कार्यवाही पर भी रोक लगाने का अनुरोध किया था। इस मामले की पृष्ठभूमि में वर्ष 2004–2009 का वह काल है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि इस दौरान रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीनें ली गईं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की | Lalu Yadav News
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की दो-न्यायाधीशीय पीठ ने लालू प्रसाद की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि निचली अदालत में उनके विरुद्ध सुनवाई जारी रहेगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने से छूट दे दी है। न्यायालय ने कहा, “चूंकि याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकते, इसलिए उनकी उपस्थिति को माफ किया जाता है। साथ ही हम दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि वह इस मामले की सुनवाई शीघ्र करें।”
उच्च न्यायालय में अभी लंबित है मुख्य याचिका
गौरतलब है कि 29 मई 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी लालू यादव की याचिका पर निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन एफआईआर और चार्जशीट रद्द करने संबंधी याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त तय की थी। इसी अंतरिम आदेश के विरुद्ध लालू प्रसाद यादव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। Lalu Yadav News
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