दिल्ली का दम घुटने से बचाएं हरियाणा और पंजाब: एलजी

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दिल्ली का दम घुटने से बचाएं हरियाणा और पंजाब: एलजी

दिल्ली के एलजी ने हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्रियोंं को लिखा पत्र | New Delhi

नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनके राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता जताई है। एलजी ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से राजधानी दिल्ली को सर्दियों के मौसम में बढ़ते वायु प्रदूषण से बचाने के लिए अपने-अपने राज्यों में पराली जलाने से रोकने और दिल्ली का दम घुटने से बचाने के लिए उपाय तेज करने को कहा है, ताकि राजधानी की हवा साफ बनी रहे। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हर वर्ष दिल्ली का प्रदूषण बढ़ता है। उपराज्यपाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दोनों को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए वह अपने स्तर पर सभी महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। New Delhi

सड़कों से धूल प्रदूषण कम करने के साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए काफी प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में 15 सितंबर से 11 अक्टूबर तक हरियाणा में पराली जलाने की 340 घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि बीते वर्ष इस अवधि में पराली जलाने के 83 मामले हरियाणा से सामने आए थे। सड़कों से धूल प्रदूषण कम करने के साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए काफी प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में 15 सितंबर से 11 अक्टूबर तक हरियाणा में पराली जलाने की 340 घटनाएं हो चुकी हैं। New Delhi

हरियाणा में भी पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं

पिछले साल पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के लिए हरियाणा सरकार की सराहना करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से कहा कि इस साल घटनाएं बढ़ रही हैं। सक्सेना ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि इस साल 15 सितंबर से 11 अक्टूबर तक हरियाणा में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं 340 तक पहुंच गई हैं, जो 2022 की इसी अवधि में 83 के आंकड़े से 257 अधिक है।

आंकड़ों का दिया हवाला | New Delhi

उपराज्यपाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र के माध्यम से बताया है कि पराली जलाने के मामले पंजाब में तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 सितंबर 2023 से 11 अक्टूबर 2023 के बीच पराली जलाने के 1063 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि बीते वर्ष इस अवधि में 763 पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं। बीते वर्ष भी पंजाब से ही सबसे ज्यादा प्रदूषण दिल्ली में आया था। ऐसे में मुख्यमंत्री किसानों से बातचीत कर पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाएं। सक्सेना ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि 15 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की घटनाएं 1,063 तक पहुंच गई हैं – जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 300 अधिक है।

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