मनीष नरवाल और सिंहराज अडाना ने भारत को एक साथ दिलाया गोल्ड और सिल्वर मेडल

टोक्यो (सच कहूँ डेस्क)। पैरालंंपिक खेलों में भारत के लिए शनिवार का दिन अच्छा रहा। पैरा खिलाड़ी मनीष नरवाल ने शूटिंग के पी4 मिक्सड 50 मीटर पिस्टल एसएच1 इवेंट में गोल्ड जीता, वहीं इसी इवेंट में भारत के ही सिंहराज अडाना ने सिल्वर मेडल जीता। इस गोल्ड के साथ ही मनीष ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत को तीसरा गोल्ड मेडल दिला दिया है।

मोदी, नड्डा ने नरवाल और अडाना को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नरवाल और अडाना को जीत की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से दी बधाई। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने टोक्यो पैरा ओलंपिक खेलो में स्वर्ण पदक विजेता मनीष नरवाल और रजत पदक विजेता सिंहराज अडाना को बधाई दी है।

नड्डा ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि आज दिन की शानदार शुरूआत है। देश को हमारे एथलीटों पर गर्व है। उन्होंने कहा, ‘नरवाल को स्वर्ण पदक जीतने के लिए हार्दिक बधाई और टोक्यो पैरालिंपिक में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में श्री अडाना को रजत पदक जीतने पर हार्दिक बधाई। मैं आपको बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

योगी ने दी सुहास को जीत की शुभकामनायें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई के शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक्स की बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश करने पर बधाई और शुभकामनायें प्रेषित की है। योगी ने ट्वीट किया, ‘पैरालंपिक्स में डीएम गौतमबुद्धनगर सुहास एल. वाई. ने पुरुष बैडमिंटन स्पर्धा में आज अपने शानदार प्रदर्शन से फाइनल मैच में अपनी जगह सुनिश्चित की है। कल होने वाले फाइनल मैच में आपकी विजय के लिए हम सभी प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएं। कर्नाटक के शिगोमा शहर में जन्मे सुहास देश के पहले आईएएस अफसर हैं जो टोक्यो पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

प्राथमिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद सुहास ने नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया और बैंगलोर में एक आईटी कंपनी में नौकरी की। इस बीच उन्हीने यूपीएससी की परीक्षा पास की और साल 2007 में यूपी कैडर से आईएएस अधिकारी बने। उनकी पहली पोस्टिंग आगरा में हुई थी जिसके बाद वह जौनपुर,सोनभद्र,आजमगढ़,हाथरस,महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बनें। सुहास की दिलचस्पी बचपन से ही खेल के प्रति रही है और वह ड्यूटी खत्म होने के बाद बैडमिंटन खेलते थे। अपनी लगन और मेहनत के बूते 38 साल के सुहास ने पहले राष्ट्रीय और बाद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पदार्पण किया। वह अब तक के करियर में छह स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम कर चुके हैं।

प्रमोद पर भी टिकी निगाहें

बैडमिंटन की बात करें तो मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक मेल सिंगल बैडमिंटन रछ3 क्लास के फाइनल में पहुंच गए लेकिन मनोज सरकार को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैम्पियन 33 वर्ष के भगत ने जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21-11, 21-16 से हराया। इस साल पैरालंपिक में पहली बार बैडमिंटन खेला जा रहा है लिहाजा गोल्ड मेडल के मुकाबले में पहुंचने वाले भगत पहले भारतीय हो गए। उनका सामना ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा। वहीं मनोज को बेथेल ने 21-8, 21- 10 से हराया. मनोज अब ब्रॉन्ज के लिये फुजीहारा से खेलेंगे।

Tokyo 2020 Paralympic

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