Punjab Weather: पंजाब, हरियाणा में झमाझम बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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Punjab Weather पंजाब, हरियाणा में झमाझम बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

सच कहूँ/संदीप सिंहमार। Punjab, Haryana Weather Update Today सावन के महीने में मॉनसूनी बारिश का इंतजार करने वाले लोगों को अब राहत व आफत दोनों एक साथ मिलने वाली हैं। भारत मौसम विभाग के अपडेटेड मौसम बुलेटिन के अनुसार बिहार वे तेलंगाना को छोड़कर वर्तमान में पूरे देश भर में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। बारिश का यह दौर 10 जुलाई तक जारी रहेगा। यदि भारत मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्तमान तक दक्षिण भारत में जहां औसत से कम बारिश हुई है। वहीं उत्तर भारत में औसतन रुप से बारिश दर्ज की गई।

लेकिन दक्षिण व दक्षिण पश्चिम हरियाणा में अभी तक मानसून की बारिश शुरू हुई नहीं हुई है। शुक्रवार को सुबह होते ही गुरुग्राम में दिल्ली व एनसीआर में तेज बारिश का दौर शुरू हुआ। देखते ही देखते सड़कें दरिया बन गई। भारत मौसम विभाग के दिल्ली केंद्र से जारी हुए मौसम बुलेटिन के अनुसार तेलंगाना व बिहार को छोड़कर शेष भारत में अगले 4 दिनों तक तेज बारिश चलती रहेगी।

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अमरनाथ यात्रा रोकी, बदरीनाथ हाईवे भी बंद | Punjab Weather

दूसरी तरफ भारी बारिश के चलते जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है। वहीं बद्रीनाथ हाईवे पर भी पत्थर गिरने की वजह से हाईवे को रोकना पड़ा। उत्तराखंड के धारचूला क्षेत्र में बादल फटने से करीब 200 लोग फंस गए। रेस्क्यू करने गई एसडीआरएफ की टीम को भी बारिश के पानी में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में मध्यप्रदेश में वीरवार से हो रही गरज-चमक के साथ बारिश से बिजली गिरने के कारण अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है। केरल में भी इतनी भारी बारिश हुई की सड़कों पर नाव चलती नजर आ रही है।

हरियाणा के 17 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट | Punjab, Haryana Weather

मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के मौसम बुलेटिन के अनुसार हरियाणा के 17 जिलों में तेज बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पंचकूला, कुरुक्षेत्र,कैथल, करनाल, यमुनानगर, अंबाला, चंडीगढ़,महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नुहं,फरीदाबाद, पलवल, रोहतक, पानीपत व सोनीपत शामिल है। क्षेत्रों में लगातार चार दिनों तक यानी 10 जुलाई तक तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी रहेगा।

दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम हरियाणा में अभी बारिश के कोई आसार नहीं

हरियाणा दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम हरियाणा में 7 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक बारिश के कोई आसार नहीं है। इस दौरान शुक्रवार को दिन भर इन क्षेत्रों में मौसम परिवर्तनशील रहने के साथ-साथ सिर्फ गरज-चमक के साथ महज बूंदाबांदी हो सकती है। इन जिलों में हिसार, सरसा, फतेहाबाद, भिवानी, चरखी-दादरी व जींद शामिल है। इससे पहले भी प्रदेश भर में मॉनसून एक्टिव रहने के बावजूद भी इन जिलों में अब तक बारिश नहीं हुई है। सिर्फ हल्की बूंदाबांदी के कारण गर्मी से राहत जरूर मिली है। इसी तरह चलता रहा तो दक्षिण व दक्षिण पश्चिम हरियाणा में सूखे जैसी स्थिति बन सकती है।

हिमाचल: मानसून की बारिश से कुल 352 करोड़ रुपये का नुकसान | Himachal weather

हिमाचल प्रदेश में पिछले 14 दिनों में मानसूनी बारिश से कुल 352 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। महत्वपूर्ण कालका शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -5 और धर्मपुर-कसौली सड़क के अलावा लगभग दो दर्जन सड़कें भूस्खलन और भारी बारिश के बाद फुटपाथों के धंसने से प्रभावित हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार भारी बारिश के कारण भारी पत्थरों के ढहने, भूस्खलन, सड़कों के बह जाने और फुटवॉल के धंसने से लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई को भारी नुकसान हुआ है। राज्य में हजारों संपर्क सड़कें बह गई हैं या मिट्टी का भारी कटाव हुआ है।

शुक्रवार को मानसून का केंद्र सोलन, सिरमौर और शिमला जिले की मध्य पहाड़ियां थीं। आज सुबह परमानो के पास फोरलेन पर भारी चट्टानें गिरने से कुछ चलते वाहन बाल-बाल बचे। भारी बारिश के कारण धरमौर कसौल सड़क भी बाधित हो गई है क्योंकि कनेक्टिंग रोड धंस गई है। पिछले 24 घंटों में टूरिस्ट रिजॉर्ट कसौली में 80 मिमी, धर्मपुर में 68 मिमी और अर्की में 60 मिमी बारिश हुई। मंडी के पंडोह में 45 मिमी और हमीपुर में 33 मिमी बारिश हुई।

राज्य लोक निर्माण विभाग को 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जल शक्ति विभाग (आईपीएच) को 127 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लगभग 43 लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 लोग घायल हो गए। चार लोग लापता हैं जिनमें से एक सड़क दुर्घटना में, दो डूबने से और एक बाढ़ में डूबने से लापता है। मानसून के कहर में दस घर पूरी तरह और 51 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये। राज्य में पशुओं की मौत का आंकड़ा 354 हो गया है. मानसून की शुरुआत के बाद 24 जून से 12 भूस्खलन, एक बादल फटने और 11 अचानक बाढ़ दुर्घटनाएं दर्ज की गईं।