ख़ुशआमदीद मेरे ‘मीत’

पूज्य गुरु जी के आगमन की खुशी में झूमा कर्नाटक

  • कन्नड़ भाषा में लगाए गए भजन

चिक्काबल्लापुर (सच कहूँ/कर्नाटक)। अपने दिल-ए-अज़ीज़, महबूब मुर्शिद पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां के पावन दर्श-दीदार की झलक मिलते ही शनिवार को डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों श्रद्धालुओं के चेहरों पर अद्भुत खुशी खिल उठी। पूज्य गुरू जी 40 दिन की पैरोल मिलने के पश्चात शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) में पधारे। जिसे ख़बर मिली वो खुशी से झूम उठा। अचानक कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित देश के साथ-साथ विदेशों तक में फोनों की घंटियां घनघनाने लगी और दोनों ओर से बधाई हो, बधाई हो का सिलसिला शुरू हो गया। नन्हें-नन्हें बच्चों तक ने भी घरों में पूज्य गुरू जी के गीतों पर जमकर धमाल मचाया। वहीं चिक्काबल्लापुर (कर्नाटक) की संगत ने 170 बच्चों को गर्म वस्त्र व फल वितरित कर मानवता भलाई कार्य किए। जिम्मेवार किशोर इन्सां ने सच कहूँ से बातचीत करते हुए बताया कि पूज्य गुरु जी के आगमन की खुशी में कर्नाटक की साध-संगत मानवता भलाई के कार्य कर रही है।

गौरतलब है कि पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन सान्निध्य में डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों श्रद्धालु मानवता भलाई के 147 कार्य निरंतर कर रहे हैं, जिनमें गरीबों को राशन देना, जरूरतमंदों निराश्रयों के मकान बनवाना, लाचार-बेसहारा लोगों की सार-संभाल करना, बच्चों को शिक्षा दिलाना, जरूरतमंद मरीजों का उपचार करवाना, रक्तदान करना, मरणोपरांत नेत्रदान और शरीरदान आदि शामिल हंै। इसके साथ ही पूज्य गुरू जी की शिक्षा है कि अपने माता-पिता का सदैव सम्मान करना चाहिए। बच्चे सुबह उठते ही बड़ों के चरण स्पर्श करें और बड़े अपने बच्चों को आशीर्वाद दें और अच्छे, नेक कार्य करने की सीख दें।

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