विषय-विकारों में फंसा व्यक्ति सदैव दुखी रहता है: पूज्य गुरु जी
यह कलयुगी संसार एक जलते, बलते भट्ठे के समान है। काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार व मन-माया ऐसी आग हैं, जिसके भी अंदर यह सुलगती है वह इन्सान कभी चैन नहीं ले सकता।
Karnataka: कर्नाटक की साध-संगत ने इस तरह मनाया पावन एमएसजी गुरुमंत्र भंडारा माह
चिकमंगलूर (सच कहूँ/कर्नाट...


























