संत कभी किसी को बुरा नहीं कहते
                संत, पीर-फकीर इस दुनिया में सबका भला करने के लिए आते हैं। उनका किसी भी धर्म, मजहब या किसी भी व्यक्ति से कोई वैर-विरोध नहीं होता।            
            
        ‘अगर आप सुमिरन करते हैं तो सतगुरु आपकी जायज मांग सुनते भी रहेंगे और पूरा भी करते रहेंगे’
                सच्चे रूहानी रहबर पूज्य ग...            
            
        सेवा-सुमिरन को गहना बना लो
                जो लोग सेवा-सुमिरन को गहने बना लेते हैं, अमल करते हैं, मालिक उन पर अपनी दया-मेहर जरूर करता है। इस घोर कलियुग में सेवा करना बड़ा ही मुश्किल है। कोई भागों वाले जीव होते हैं जो सेवा करते हैं। सेवा के साथ-साथ सुमिरन, भक्ति-इबादत की जाए तो किसी भी चीज की कमी नहीं रहती।            
            
        परमार्थ के लिए आते हैं संत: पूज्य गुरु जी
                संत, पीर-फकीर इस संसार में हर किसी का भला करने के लिए आते हैं। दुनिया में ज्यादातर लोग अपने लिए, अपने गर्ज के लिए समय गुजारते हैं, परन्तु संत परमार्थ के लिए समय लगाते हैं।            
            
        

























