संत कभी किसी को बुरा नहीं कहते
                संत, पीर-फकीर इस दुनिया में सबका भला करने के लिए आते हैं। उनका किसी भी धर्म, मजहब या किसी भी व्यक्ति से कोई वैर-विरोध नहीं होता।            
            
        वचनों पर अमल करने से मिलती है खुशियां
                इन्सान राम का नाम जपे, सबका भला मांगे और भला करे तो यकिनन मालिक की कृपा होती है।
 इन्सान के दामन छोटे रह जाते हैं और मालिक के रहमो-कर्म से जीव अंदर-बाहर से मालामाल हो जाता है।            
            
        मालिक से मिलाने वाले कर्म करो
                अल्लाह, वाहेगुरु, राम ने इन्सान को इसलिए बनाया कि यह दुनिया में आकर अच्छे-नेक कर्म करे, अल्लाह, वाहेगुरु, राम को याद करे ताकि जन्म-मरण का चक्कर हमेशा के लिए खत्म हो जाए। जीते-जी परमानन्द की प्राप्ति हो, तमाम लज्जतें, खुशियां, मनुष्य की झोली में पड़ें।            
            
        
























