कभी भी किसी का बुरा न सोचा करो, सबका भला मांगा करो: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान को जब परमपिता परमात्मा निगाह दे देता है, तो उसे वो नजारे मिलते हैं, वो लज्जत मिलती है, जिसकी कभी कल्पना नहीं की होती। वो खुशियां मिलती हैं, जिनका लिख-बोल कर वर्णन नहीं किया...
जिंदगी मालिक की नियामत, इसको बर्बाद न करें
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान अपने किये कर्मों का फल जरूर भोगता है। कई बार ऐसा होता है कि इन्सान ने कोई बुरा कर्म अपनी जिंदगी में नहीं किया होता, फिर भी उसे दु:ख भोगना पड़ता है। इसकी वजह होती है इन्सान के...
कर्म बुरे न करो, उनका फल जब भोगना पड़ता है तब छुटकारा नहीं होगा: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Pujya Guruji) फरमाते हैं कि इन्सान जब तक इन्सानियत पर नहीं चलता, तो इन्सान को जो परमपिता परमात्मा ने वचन किये हैं, तोहफे बख्शे हैं वो नहीं मिलते। इन्सानियत का तकाजा कि आप रहम करें, दया करे...
रूहानी स्थापना दिवस पर सुनिये गुरु जी का यह संदेश
सरसा। 75 वर्ष पहले आज के ऐतिहासिक व सौभाग्यशाली दिन को रूहानियत व इन्सानियत के महान केन्द्र डेरा सच्चा सौदा का शुुभांरभ हुआ। करोड़ों की संख्या में साध-संगत 29 अप्रैल के इस ऐतिहासिक दिवस को भंड़ारे के रूप में मना रही है। शाह सतनाम जी धाम में आज पावन भंड...
दूसरों की बुराई छोड़ अपने गिरेबां में झांके: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक को पाने के लिए इन्सान को अपने अंदर आत्मविश्वास जगाना चाहिए। जैसे-जैसे आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा, भगवान मिलेगा। यह आत्मबल रुपए-पैसे, कपड़े-लत्ते से, किसी भी और तरीके से ...
MSG भंडारे पर पूज्य गुरु जी के वचन
सरसा। MSG Bhandara: पूज्य गुरु जी ने अपने साढ़े 6 करोड़ परिवार को संबोधित करते हुए डेरा सच्चा सौदा की स्थापना संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। आप जी ने फरमाया कि गांव कोटड़ा (बिलोचिस्तान) में अति पूजनीय पिता श्री पिल्ला मल जी व पूजनीय माता तुलसां बाई जी...
आमजन से प्रकृति की अमूल्य धरोहरों को बचाने का किया आह्वान
प्रभु की बनाई जन्नत जैसी चीजों को बर्बाद कर रहा इन्सान
बरनावा। (सच कहूँ न्यूज) इन्सान ने प्रभु की प्रकृति से छेड़छाड़ कर रखी है और प्रकृति वापिस बदला ले रही है, क्योंकि कुदरत के कादिर ने क्या खूबसूरत इस जमीं पर स्वर्ग बना रखे हैं अलग-अलग तरह के। मैदान...
सृष्टि की भलाई-सुख शांति को नांगल खेड़ी ने किया लाखों घंटे सुमिरन, जानें कितने घंटे?
‘‘मालिक का प्यार उसकी रहमत, इंसान पर तभी बरसती है जब उसे दृढ़ यकीन आता है और ये सेवा, सुमिरन के बिना आ नहीं सकता। जितना संभव हो सेवा करो, सुमिरन करो, तभी आप मालिक, सतगुरु की दया-मेहर के लायक बन सकते हैं। चलते, बैठते, काम-धंधा करते हुए भी जो सुमिरन किय...
साईं जी ने मीठे वचनों से आलोचना करने वालों को भगत बनाया!
डेरा सच्चा सौदा सतलोक पुर धाम नेजिया खेड़ा आश्रम सरसा से चौपटा सड़क पर स्थित है। जो इस गांव की शान है। एक बार की बात है। उन दिनों सरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम का मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा की ओर से जाती पुरानी सड़क पर था। एक दिन पूजनीय बेपरवाह सांई शाह...
जब सावण शाह जी महाराज ने बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज को अपनी रूहानी ताकत से नवाजकर सरसा भेजा!
यह डेरा सरसा से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस डेरे में पहुंचने के लिए सरसा-डबवाली जीटी रोड से गांव पन्नीवाला मोटा तथा ओढ़ा से लिंक सड़क जाती है। परम पूजनीय हजूर बाबा सावण सिंह जी महाराज से नामलेवा व जिंदगी भर पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी मह...
यह नहीं हो सकता कि आपमें कोई कमी न हो: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान उस परमपिता परमात्मा का जितना शुक्राना करे उतना कम है। अपनी जड़ों को कभी न भूलो। जो यह याद रखता है कि वो तो कुछ भी नहीं था, लेकिन परमपिता परमात्मा ने उसे क्या से क्या बना...
‘गुरू’ मीठा, प्यारा, सुखदायक और दिल में ठंडक बरसाने वाला, परम पूजनीय शब्द है
सतगुरू के प्यारे-प्रेमियों के लिए ‘गुरू’ शब्द ही अति प्यारा और मन को भाता है। अपने गुरू के प्यार में रंगे हुए किसी गुरू-भक्त का बयान है- ‘‘ऐ मेरे दिल! मैं ऐसी किस आवाज (शब्द) को सुन रहा हूं, जिस कारण मेरा दिल दरिया में प्रेम की तरंगे हिलोरें ले रही ह...
सत्संगी के अनमोल गहने हैं सेवा और सुमिरन
सरसा (सकब)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Pujya Guru Ji) फरमाते हैं कि सेवा और सुमिरन दो ऐसे गहने हंै जो भी मनुष्य इन्हें पहन लेता है, जीते-जी उसके सभी गम, चिंता, परेशानियां दूर हो जाती हंै, और मरणोपरांत आवागमन का चक्कर जड़ से खत्...
लोभ-लालच है सर्व पाप का बाप: पूज्य गुरू जी
सरसा (सकब)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि यह कलयुगी संसार एक जलते, बलते भट्ठ के समान है। काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार व मन-माया ऐसी आग हैं, जिसके भी अंदर यह सुलगती है वह इन्सान कभी चैन नहीं ले सकता। जिस प्रकार ...
मालिक को पाने की राह पर दृढ़ता से चलना बेमिसाल: पूज्य गुरु जी
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। Anmol Vachan: सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का प्यार, उसकी मोहब्बत जिनके नसीब में आती है, वे बहुत भाग्यशाली हैं। मालिक की उन पर बहुत रहमत होती है। पूज्य गुरु जी फरमाते है...