खुदगर्ज हैं ज्यादातर दुनियावी रिश्ते-नाते
दुनिया में ज्यादातर रिश्ते-नाते खुदगर्ज हैं। जब तक मतलब होता है तो हर कोई प्यार से बातें करता है और जैसे ही मतलब निकल जाता है तो तू कौन, मैं कौन? इस घोर कलियुग के स्वार्थी रिश्तों में अगर कोई दोनों जहान में साथ देने वाला है तो वो अल्लाह, वाहेगुरु, राम है।
मालिक से मिलाने वाले कर्म करो
अल्लाह, वाहेगुरु, राम ने इन्सान को इसलिए बनाया कि यह दुनिया में आकर अच्छे-नेक कर्म करे, अल्लाह, वाहेगुरु, राम को याद करे ताकि जन्म-मरण का चक्कर हमेशा के लिए खत्म हो जाए। जीते-जी परमानन्द की प्राप्ति हो, तमाम लज्जतें, खुशियां, मनुष्य की झोली में पड़ें।
अवतार माह की खुशी में बरनावा डेरे में साध-संगत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, ये तस्वीर देखकर आप गदगद हो जाओगे
बरनावा, रकम सिंह। आज उत्...


























