सोने पे सुहागा है सेवा के साथ सुमिरन: पूज्य गुरू जी | sach kahoon samachar dera sacha sauda
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु सं...
रूहानियत: जब बेपरवाह साईं जी का पावन भंडारा मनाने पंजाब पहुंचे पूजनीय परम पिता जी
‘गांव का नाम चुघ्घां, नाम...
हरिरस से होती है आत्मा बलवान
इन्सान जब सत्संग में मालिक का नाम लेता है और नाम लेकर उसका सुमिरन करता है तो उसके अंदर का हरिरस आत्मा को मिलना शुरू होता है और जैसे जैसे हरिरस का पान लेना आत्मा शुरू करती तो वह बलवान होना शुरू कर देती है।
संत कभी किसी को बुरा नहीं कहते
संत, पीर-फकीर इस दुनिया में सबका भला करने के लिए आते हैं। उनका किसी भी धर्म, मजहब या किसी भी व्यक्ति से कोई वैर-विरोध नहीं होता।
रतिया की साध-संगत ने भीषण गर्मी को देखते हुए पक्षियों के लिए चुग्गा-दाना व पानी की व्यवस्था की
रतिया (सच कहूँ/तरसेम सैनी...


























