एमसीडी मेयर चुनाव की लड़ाई: आप और भाजपा पार्षदों के बीच जमकर चली कुर्सियां

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नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। ल्ली में मेयर पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को शुरू हुई नगर निगम की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई और बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों में जमकर हाथापाई और मारपीट हुई। इस बीच सदन में कई पार्षदों को कुर्सियां उठाकर एक-दूसरे को मारते हुए भी देखा गया। टेबल पर खड़े होकर पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी के सामने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद दोनों पार्टियों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया।

बता दें कि नगर निगम की कार्यवाही में दिल्ली के मेयर का चुनाव होना था, लेकिन उससे पहले पीठासीन अधिकारी को चुना गया और उसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ लेने के लिए बुलाया। इसको लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। जैसी ही पीठासीन ने मनोनीत पार्षदों ने बुलाया, आप नेता मुकेश गोयल ने खड़े होकर इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसा तो बीते 15 साल से होते हुए आया है, अब इसको बदलना होगा। उसके बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया।

आप पार्षदों ने बेल में आकर हंगामा करना शुरू कर दिया और फिर वो पीठासीन अधिकारी की मेज के सामने आकर नारेबाजी की। दरअसल दिल्ली में मेयर के चुनाव में हार-जीत बहुत ही कम अंतर से होनी है, इसको लेकर दोनों ही पार्टियां जोड़ तोड़ में जुटी हैं। मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने को लेकर आप की ओर से आरोप लगाया गया कि भाजपा 10 मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार देने की साजिश रच रही है।

नगर निगम की कार्यवाही में हंगामे के बाद भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि हमारी पार्टी की महिला पार्षदों के साथ बदतमीजी की गई। शराब पीकर आए पार्षदों ने नुकीलों चीजों, कांच के टुकड़ों से उनको चोट पहुंचाई और उनके बाल खींचे। इसके साथ ही बीजेपी की महिला पार्षद ने आरोप लगाया कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई, गलत भाषा का प्रयोग करके शपथ लेने से रोका गया। एमसीडी के इतिहास में इससे काला दिन नहीं हो सकता है।

वहीं कांग्रेस ने मेयर चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस-बीजेपी की डील उजागर हो गई है। मेयर चुनाव में भाजपा के लिए अच्छा होगा अगर कांग्रेस सदन से बाहर रहेगी और कांग्रेस इसके लिए सहमत भी हो गई। आप नेता ने आरोप लगाया कि मेयर चुनाव से दूर रहने के लिए भाजपा ने एमसीडी में कांग्रेस नेता नाजिश दानिश को हज कमेटी का सदस्य बनाया।

ज्यादा पार्षद हैं तो डर क्यों रहे हैं : भाजपा

आप पार्षदों की हताशा-निराशा व्यवहार में दिख रही है, ये … हैं। अगर वो कुर्सी उठाकर मारेंगे तो हमारे पार्षद बचाव तो करेंगे। सदन में लोकतांत्रिक नियमों का पालन करना चाहिए। इनके सीएम सड़क पर खड़े होकर थप्पड़ लगवाते हैं, विक्टिम कार्ड खेलते हैं। उनके पार्षद ज्यादा हैं तो उन्हें डर क्यों हैं? दरअसल आम आदमी पार्टी दो फाड़ हो गई है। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए हंगामा कर रहे हैं। पहले कौन लेगा शपथ लेगा, ये पीठासीन अधिकारी को हक है।
वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष

चुनाव प्रक्रिया का उड़ाया जा रहा मजाक : आप

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया गया कि चुनाव प्रक्रिया का मखौल उड़ाया जा रहा है। मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार देने की साजिश की जा रही है। आप विधायक कुलदीप कुमार ने आरोप लगाया कि भाजपा के पार्षदों ने मारपीट और धक्कामुक्की की। वहीं मनोनीत पार्षदों को लेकर कहा कि कभी वो वोट नहीं करते हैं, लेकिन इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने उन्हें शपथ के लिए बुलाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी के लिए हमेशा चुनी हुई सरकार द्वारा बनता है। हमने मुकेश गोयल का नाम भेजा था, लेकिन एलजी ने किसी और को बना दिया।

क्या है दलवार स्थिति

गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में कुल 250 वार्डों में से आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिससे नगर निगम में भाजपा का 15 साल का शासन खत्म हो गया। इस चुनाव में भाजपा ने 104 वार्डों में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 9 वार्डों में जीत हासिल की थी और 3 सीटों पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया था।

उल्लेखनीय है कि निगम के 250 वार्डों में हुए चुनाव में आप ने 15 साल से दिल्ली नगर निगम में बनी भाजपा को हराकर 134 वार्डों में जीत दर्ज की थी जबकि भाजपा को 104 वार्ड में जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस के नौ पार्षद जीतकर आए हैं।

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