जलघर में पानी खत्म, मोल का पानी पीने को विवश ग्रामीण

गोरीवाला।(सच कहूँ/अनिल) जन स्वास्थ्य विभाग गांव बिज्जूवाली के जलघर में अब तक नहरी पानी का विकल्प मुहैया नहीं करवा पाया है। इसका खामियाजा गांव के वासिन्दों को भुगतना पड़ रहा है। जलघर की डिग्गियों में नहरी पानी खत्म होते ही जलघर से पेयजल आपूर्ति बंद हो जाती है। जो अगली नहरी टर्न पर ही बहाल हो पाती है। इस समय अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों के जलघरों से जुड़े लोग अपने स्तर पर ही पानी का प्रबंध करते हैं।

वहीं अधिकारियों का दावा है कि शीघ्र ही समस्या का समाधान हो जाएगा। जलघर के निर्मित होने के समय से लेकर आज तक नहरी पानी का विकल्प सही न होने के कारण पेयजल संकट बना रहता है। जलघर परिसरों में ट्यूबवेल बोरिंग करने की जरूरत है ताकि जलघरों में नहरी पानी खत्म होने पर बोरिंग ट्यूबवेल से पेयजल की सप्लाई होती रहे। जबकि जिन जगहों पर जलघर स्थापित है, वहां का जमीनी पानी बिल्कूल पीने योग्य नही है।

ग्रामीणों को 500 रुपये में टैंकर खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है।

हालांकि ट्यूबवेल के पानी की गुणवत्ता कम है। जलघर में पानी 10 दिन में ही खत्म हो जाता है, जबकि नहरों में गर्मियों में 24 दिन और आम मौसम में 15 दिनों में पानी छोड़ा जाता है। गांव के जलघर में बोरिंग ट्यूबवेल के पानी की गुणवता सही न होने के कारण जलघर में पानी खत्म होने पर ग्रामीणों को 500 रुपये में टैंकर खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है।

यह व्यवस्था तब तक रहती है,जब तक जलघर की डिग्गियों में नहरी पानी नहीं पहुंच जाता। ग्रामींण कृष्ण कुमार,अनिल कुमार,वेद प्रकाश,सन्टी लाल,सतीश कुमार मांगेराम, सुंदर, सोमबीर, संजय व पवन कुमार आदि का कहना है कि जलघर में निर्मित डिग्गियों की क्षमता को विस्तृत कर अन्य स्थान पर बोरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए,ताकि पानी का संकट नहीं हो सके। नहरी पानी तो बहुत कम मात्रा में पहुंचता है।

नहर बिना किसी सूचना के बन्द हो जाने के कारण पेयजल की समस्या पैदा हुई है। इसके साथ ही जिस माइनर से पानी जलघर तक पहुंचता है उसकी रिपेयरिंग का कार्य चल रहा है। विभाग हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने की दिशा में काम कर रहा है। शीघ्र ही पानी की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
– हेमन्त सिंगला, जेई ।

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