
Pakistan Nuclear Weapons: अनु सैनी पाकिस्तान, दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों से लैस दूसरा देश है, जिसने 1998 में अपने पहले परमाणु परीक्षण के बाद से अपनी परमाणु क्षमता में लगातार वृद्धि की है। हालांकि इस्लामाबाद सरकार अपने परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने का दावा करती रही है, लेकिन 2023 और उसके बाद आई सैटेलाइट इमेजरी, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा रिपोर्ट्स और सैन्य विश्लेषणों से इसके कई गुप्त ठिकानों का खुलासा हुआ।
1. ओर्मारा नौसैनिक अड्डा, बलूचिस्तान
2023 में सबसे बड़ी सनसनीखेज जानकारी सामने आई जब सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि ओर्मारा नौसैनिक अड्डे पर पाकिस्तान ने एक अत्याधुनिक भूमिगत परमाणु हथियार भंडारण केंद्र बनाया है। यह ठिकाना अरब सागर के तट पर है, और यहां से बाबर क्रूज़ मिसाइलों के लॉन्च और स्टोरेज की व्यवस्था की गई है।
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2. खुज़दार गेरिसन, दक्षिणी बलूचिस्तान
यह स्थल भी 2023 की रिपोर्ट में प्रमुखता से सामने आया था। शाहीन और ग़ौरी मिसाइलों के लिए उपयोग किए जा रहे TELs (Transporter Erector Launchers) की मौजूदगी यहां देखी गई। कई सुरंगनुमा प्रवेश द्वार और मल्टी-स्टोरी हथियार डिपो भी दर्ज किए गए।
हरी परिधीय बाड़ और किलेबंदी
3. पानो अकिल गेरिसन, सिंध प्रांत: पाकिस्तान के दक्षिण में स्थित यह बड़ा सैन्य अड्डा, भारतीय सीमा से सिर्फ 85 किमी की दूरी पर है। यहां भी 2023 में बाबर और शाहीन-1 मिसाइलों के भंडारण की पुष्टि हुई। क्षेत्र में कई मोबाइल लॉन्चर और नियंत्रण भवन मौजूद हैं।
4. किराना हिल्स, पंजाब प्रांत: पाकिस्तान के परमाणु इतिहास की शुरुआत से जुड़ा यह स्थल आज भी सक्रिय है। यहां उन्नत भूमिगत सुरंगें और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग/भंडारण की संरचनाएं हैं। यह क्षेत्र अब भी अत्यधिक सुरक्षा में है और सैटेलाइट इमेजरी में यहां हलचल देखी गई है।
5. बलूचिस्तान की नई भूमिगत सुविधा (2023 में हुआ खुलासा): 2023 की एक अन्य अहम खोज थी कंबर ज़िला (बलूचिस्तान) में एक नई टनल-बेस्ड भंडारण साइट। सैटेलाइट तस्वीरों में तीन बड़ी सुरंगें, सड़कों का विस्तार और सैन्य वाहनों की आवाजाही देखी गई। यह स्पष्ट संकेत था कि पाकिस्तान अपने परमाणु जखीरे को और गहराई में सुरक्षित कर रहा है।
पाकिस्तान का परमाणु शस्त्रागार केवल सैन्य ताकत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उसकी रणनीतिक नीति का अहम हिस्सा बन चुका है। 2023 में जो खुलासे हुए, वे इस बात का प्रमाण हैं कि पाकिस्तान न केवल अपने हथियार छिपा रहा है, बल्कि उन्हें युद्ध के लिए त्वरित तैयारियों के हिसाब से तैनात भी कर रहा है। भारत और वैश्विक सुरक्षा विश्लेषकों के लिए यह सतर्कता का विषय है।