अयांश के उपचार को इकट्ठे हुए 16 करोड़, जल्द लगेगी वैक्सीन

Ayansh sachkahoon

नई दिल्ली एम्स में लगाई जाएगी वैक्सीन

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। आखिर वह दिन आ ही गया, जिसका पूरे देशवासियों को इंतजार था। अब 19 महीने के अयांश को 16 करोड़ का टीका (वैक्सीन) लगेगा। जिसके लिए भारत और अमेरिका में तैयारियां हो रही हैं। यह दवा तैयार नहीं होती। दवा निर्माता अमेरिकी कंपनी नोवर्टिस को 16 करोड़ रुपये (अमेरिकी 2.125 डॉलर) का भुगतान कर दिया गया है। अब कंपनी दवा तैयार करेगी। संभावना है कि इसी माह तीसरे सप्ताह में बेबी अयांश को यह दवा लग जाएगी।

बता दें कि मूलरूप से पलवल निवासी (फिलहाल गुरुग्राम में रह रहे) प्रवीन मदान एवं वंदना मदान का बेटा अयांश (उम्र 19 माह) बचपन से ही स्नाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (एसएमए) नामक बीमारी से ग्रस्त है। यह बीमारी माता-पिता के जीन से ही बच्चों में आती है। माता-पिता का तो कोई उपचार नहीं है, लेकिन बच्चे का उपचार के रूप में 16 करोड़ रुपये का यह टीका है। एक ही टीका प्रभावी होता है। यह टीका एसएमए ग्रसित बच्चे को दो साल की उम्र तक लगाया जा सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि एक बच्चे में जब एसएमए होने का पता लग जाता है तो फिर माता-पिता को दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले कई तरह की सावधानियां, कई टेस्ट कराने होंगे। क्योंकि एसएमए बीमारी दूसरे बच्चे में भी आने का खतरा रहता है।

एम्स नई दिल्ली में लगेगी वैक्सीन

अयांश को 16 करोड़ का टीका नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाल रोग न्यूरोलॉजी विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डा. शेफाली गुलाटी की देखरेख में लगाया जाएगा। करीब एक घंटे में यह दवा बच्चे के शरीर में फैलेगी और असर शुरू करेगी। दवा लगाने से पहले बालक अयांश की एम्स में सभी चिकित्सीय जांच की जा चुकी हैं। दवा लगने के बाद अयांश को एक दिन के लिए अस्पताल में ही रखा जाएगा। उसके बाद हर 10 दिन में तीन महीने तक अस्पताल जाकर जांच करवानी होगी। अयांश के रक्त के नमूने आदि लेकर अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी नोवर्टिस को भेजे जा चुके हैं। उसी के आधार पर अब कंपनी दवा तैयार करेगी।

भारत सरकार दवा के आयात पर नहीं लेगी कस्टम ड्यूटी

दवा के लिए कस्टम ड्यूटी को भारत सरकार ने हटा दिया है। उसकी कागजी कार्यवाही की जा रही है। जब तक कस्टम ड्यूटी के कागजात अमेरिका में दवा निर्माता कंपनी में जमा नहीं हो जाते, तब तक दवा बनाने का काम नहीं होगा। क्योंकि दवा का एक समय होता है। वे नहीं चाहते ही दवा कस्टम आदि मामलों में दिक्कत की वजह से फंस जाए और समय पर बच्चे को न लग पाए। इसलिए जैसे ही यहां से कस्टम ड्यूटी की एनओसी जमा हो जाएगी, कंपनी दवा बनाना शुरू कर देगी। दवा को आयात करने का लाइसेंस मिल चुका है। उम्मीद है कि 20 नवम्बर 2021 को अयांश के लिए अमेरिका से दवा आएगी और 21-22 नवम्बर को लग जाएगी।

16 करोड़ रुपये जमा होते ही सेवा हुई बंद

अयांश के लिए 16 करोड़ रुपये की राशि को एकत्रित करने में क्राउड फंडिंग (जनता से पैसा एकत्रित) करने वाली संस्था इम्पेक्ट गुरू फाउंडेशन की मुख्य भूमिका रही। सारा पैसा इम्पेक्ट गुरू के पास ही पहुंचा है। जैसे ही 16 करोड़ रुपये एकत्रित हो गये तो फाउंडेशन ने अयांश के लिए आ रहे फंड को रोक दिया। इम्पेक्ट गुरू फाउंडेशन की ओर से ही दवा निर्माता कंपनी को 16 करोड़ रुपये 2.125 अमेरिकी डॉलर (यूएस) के रूप में भेज दिये हैं।

माता-पिता ने जताया देश-दुनिया वालों का आभार

अयांश के माता-पिता वंदना एवं प्रवीन मदान ने भारत देश समेत दुनियाभर के लोगों को 16 करोड़ रुपये राशि में अपना सहयोग देने पर आभार जताया है। गुरुग्राम, मुंबई व अन्य शहरों के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों और अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों से अयांश के लिए डोनेशन जमा हुआ है। उन्होंने गुरुग्राम की कैनविन फाउंडेशन के संस्थापक डा. डीपी गोयल व सह-संस्थापक नवीन गोयल का भी आभार जताया है, जिनके प्रयासों से अयांश के लिए फंडिंग में तेजी आई।

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