हरियाणा समेत डेंगू के ‘डंक’ से कई राज्य बेहाल,  शाह सतनाम जी अस्पताल डेंगू मरीजों के लिए बना संजीवनी

Dengue

यूपी में 23 हजार से ज्यादा मामले

  • मोहाली, अमृतसर, बठिंडा, होशियारपुर, पठानकोट, मुक्तसर और लुधियाना सबसे ज्यादा प्रभावित जिले

नई दिल्ली (एजेंसी)। देश के कई राज्यों में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आलम ये हो गया कि लोग अब घबराने लगे हैं। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, यूपी और दिल्ली में डेंगू से हालात बदतर हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में 2016 के बाद इस वर्ष सबसे ज्यादा केस मिले है। पंजाब में तो हालात और बुरे हो गए हैं। यहां पैरासिटामोल की कमी पड़ गई है। राजस्थान में डेंगू की तबाही जारी है। वहीं जम्मू-कश्मीर में भी 1100 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं और यहां डेंगू मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं।

राजधानी में एक हफ्ते में 1,171 मरीज

राजधानी में डेंगू के केसों में बढ़ोत्तरी होती जा रही है। पिछले हफ्ते 3 लोगों की मौत हो गई, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़कर 9 पहुंच गया।

उत्तर प्रदेश के हालात

यूपी में डेंगू के अब तक 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, सबसे ज्यादा फिरोजाबाद, लखनऊ, झांसी, गाजियाबाद और प्रयागराज में मिले हैं। अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

पंजाब में अब तक 60 लोगों की मौत

पंजाब में डेंगू अपना अब तक का सबसे घातक प्रकोप दिखा रहा है। यहां अब तक 18,266 केस सामने आ चुके हैं और 60 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले वर्ष 2017 में 15,398 केस सामने आए थे। मोहाली, अमृतसर, बठिंडा, होशियारपुर, पठानकोट, मुक्तसर और लुधियाना सबसे ज्यादा प्रभावित जिले है। स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि इस बार 15 लाख घरों की जांच की गई और उनमें से 35 हजार घरों में एडीज मच्छर के लार्वा पाए गए हैं।

राजस्थान में 13 हजार से ज्यादा मरीज

राजस्थान में भी डेंगू अपना कहर दिखा रहा है। यहां अब तक 13 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं और मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह में ही इस साल डेंगू से 58 मरीजों की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू का डीएएनवी-2 टाइप तबाही मचा रहा है। डेंगू के 4 स्टीरियोटाइप होते हैं। टाइप 1 से टाइप 4 तक कोई भी इन्सान अपने जीवन काल में 4 बार डेंगू से पीड़ित हो सकता है। उन्होंने बताया कि जब आप टाइप 1 से संक्रमित हो जाते हैं तो उसकी इम्युनिटी जीवन भर बनी रहती है। लेकिन बाकी स्टीरियोटाइप की इम्युनिटी 3 से 6 महीने ही होती है।

 शाह सतनाम जी अस्पताल डेंगू मरीजों के लिए बना संजीवनी

कोरोना के बाद अब प्रदेश में डेंगू का कहर बढ़ रहा है। सर्दी की शुरूआत में हर वर्ष मच्छरजनित रोगों से प्रदेश की जनता दो-चार होती है और इस बार डेंगू, मलेरिया का कहर ज्यादा कहर बरपा रहा है। वहीं प्रशासन के इन मच्छरजनित रोगों से निपटने के लिए किए गए तमाम दावे जमीनी स्तर पर खोखले नजर आते हैं। प्रदेश के हर जिले में अस्पताल डेंगू मरीजों से भरे पड़े हैं और यह संख्या कम होने की बजाय बढ़ रही है। आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने से अब तक प्रदेश में डेंगू मरीजों की संख्या 8 हजार के नजदीक पहुंच चुकी है। सबसे बुरी स्थिति उन मरीजों की है जिन्हें डेंगू की स्थिति रक्त और प्लेटलैट्स की कमी के कारण परेशान होना पड़ रहा है। वहीं इस स्थिति में भी डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु और डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी अस्पताल एक बार फिर से डेंगू पीड़ितों के लिए वरदान साबित हो रहा है जहां ऐसे पीड़ितों का प्लेटलैट्स और रक्त की कमी से किसी मरीज को परेशान नहीं होना पड़ रहा। वहीं पीड़ितों को सही समय पर उचित इलाज मुहैया हो रहा है। आलम ये है कि इस अस्पताल में न केवल हरियाणा, बल्कि दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब से मरीज आकर अपना इलाज करवा रहे हैं।

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