तुर्की में मानवता का फर्ज निभाकर भारत लौटे एनडीआरएफ के 56 फरिस्ते

NDRF
  • भारत से “ऑपरेशन दोस्त ” के तहत तुर्किये भेजी गयी एनडीआरएफ की तीसरी टीम भी ऑपरेशन पूर्ण होने पर भारत पहुंची
  •  एनडीआरएफ की तीनों टीमों ने 02 बच्चिओं को जीवित, 85 शवों को मलवे से बाहर निकला ।

गाजियाबाद (सच कहूँ/रविन्द्र सिंह)। तुर्की में आई भीषण आपदा में इंसानियत का फर्ज निभाते हुए तुर्की के लोगों को राहत देकर भारत की एनडीआरएफ के रेस्क्युर्स (फरिस्ते) अपने वतन लौट आए। तुर्की के अडाना एयरपोर्ट से एनडीआरएफ की तीसरी और अंतिम टीम भी रविवार सुबह 56 रेस्कुएर्स (भारतीय फरिस्ते) के साथ अपने वतन लौट आई है। एनडीआरएफ डीआइजी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में एनडीआरएफ की तीनों टीमों के कंटिंजेंट कमांडर कमांडेंट गुरमिंदर सिंह के साथ तीसरी टीम रविवार सुबह 03:40 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर पहुंची।जहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ।

 भारत माता की जय… उद्धघोष के साथ हुआ फ़रिस्तों का भव्य स्वागत

एनडीआरएफ डीआईजी गंभीर सिंह चौहान और कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी द्वारा एनडीआरएफ की तीसरी टीम (फरिश्तों) का फूलों की माला पहनाकर गर्मजोशी के साथ भव्य स्वागत किया गया । वहीँ ग़ाज़ियाबाद की एनडीआरएफ बटालियन में जवानों (फरिश्तों)ने अपने साथियों का “भारत माता की जय” … के उद्घोष के साथ भव्य स्वागत किया। और उनके लिए दूध, हलवे के साथ जलपान का आयोजन भी किया गया।

 अड़ाना एयरपोर्ट पर तीसरी टीम ( भारतीय फरिश्तों)को एयरपोर्ट स्टाफ और स्थानीय लोगो ने दी तालियों के साथ विदाई

एनडीआरएफ रेस्कुएर्स(फरिश्तों) के तुर्किये में बहुत ही भावनात्मक पल रहे जिन्हे बयां करते हुए वहां के लोगों का दर्द इनमें साफ़ झलकता नज़र आया ।इसे पूर्व आई पहली दो टीमों की तरह ही इस बार भी वाराणसी एनडीआरएफ बटालियन के जवानों (फ़रिस्तों) का भारत रवानगी के वक्त अडाना एयरपोर्ट पर ,एयरपोर्ट स्टाफ और वहाँ के स्थानीय लोगों ने आंसुओं और तालियों से भारतीय रेस्कुएर्स (फ़रिस्तों)के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए विदाई दी गई ।

तुर्की में 12 दिन चला रेस्क्यू ऑप्रेशन,मिला भरपूर सहयोग*

इस भयावाह मंज़र में 12 दिन लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में वहां के लोगों और प्रसाशन के सहयोग और उनके प्रति प्रेम भाव की प्रसंशा की गई।

ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भेजी गई थी एनडीआरएफ की 3 टीमें

बता दें एनडीआरएफ की तीन टीमें तुर्किये में भूकंप के कारण मची तबाही में वहां के लोगों की मदद और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 7 और 8 फरवरी को भारत से “ऑपरेशन दोस्त ” के तहत भेजी गयीं थी । इस ऑपरेशन के दौरान भारत से पहुंची एनडीआरएफ की तीनों टीमों नें कुल 02 बच्चिओं को जीवित रेस्क्यू किया । वहीँ 85 शवों को मलवे से बाहर निकला । हड्डियां गला देने वाले माइनस तापमान में एनडीआरफ रेस्कुएर्स (फ़रिस्तों )के लिए यह ऑपरेशन एक चुनौती से काम नहीं था । परन्तु इस ऑपरेशन ने तुर्किये देश के लोगों के मन में भारत के प्रति प्रेम भाव की एक अमिट छाप छोड़ी है। जिसकी विश्व भर में सराहना हो रही है।

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