कैप्टन बोले: देश विरोधी ताकतें उठा सकती हैं आंदोलन का फायदा, आर्थिक गतिविधियों हो रही प्रभावित
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। कैप्टन अमरिंदर ने इस दौरान पीएम के समक्ष केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करें और आंदोलन को समाप्त कराएं। बताया जाता है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य की स्थिति और पाकिस्तान की ओर से पंजाब को बढ़ रहे खतरे के बारे में भी अवगत कराया।
पंजाब सरकार के कार्यालय के अनुसार, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से अपील की, कि वह केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने और इनमें आवश्यक संशोधन करने के लिए तुरंत कदम उठाएं। इसके तहत किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता के पात्र श्रेणी में शामिल किया जाए। बैठक के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहने से इसका पंजाब की आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है और राज्य की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव हो रहा है। इसके साथ ही इसका राज्य में सामाजिक तानेबाने पर भी असर हो रहा है।
उपलब्ध करवाए जाएं एंटी ड्रोन उपकरण:
कैप्टन ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और राज्य में 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान की आइएसआइ एजेंसी की गतिविधियां बढ़ रही हैं। राज्य में हथियारों, हैंड ग्रेनेड और आइईडी की बड़ी स्तर पर घुसपैठ का हवाला देते हुए उन्होंने अमित शाह को बताया कि सुरक्षा की स्थिति बहुत भयानक है। इसे देखते हुए केंद्र को तुरंत दखल देना चाहिए। कैप्टन ने शाह से अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली, पटियाला, बठिंडा, फगवाड़ा और मोगा के लिए केंद्रीय हथियारबंद पुलिस बलों की मांग की। उन्होंने सीमा पार से भेजी गई आरडीएक्स, अन्य विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर, टाइमर उपकरण, अत्याधुनिक लैब में बनाए गए टिफिन बम की जानकारी भी दी।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि भारत-पाक सीमा पर कंटीली तार आइएसआइ और पाकिस्तान आधारित खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों की ओर से विकसित समर्थन के समक्ष प्रभावहीन हो गई है। पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार और नशे भेजे जा रहे हैं। यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता के तौर पर उभरा है।
कानूनों को रद्द करने की मांग फिर उठाई
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से तीनों कृषि सुधार कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग भी की। किसानों की चिंताओं का स्थायी हल किया जाए। केंद्र ने जून 2020 में जब अध्यादेश लागू किए थे तब से ही पंजाब में प्रदर्शन चल रहे हैं। अभी यह शांतिपूर्वक चल रहा है लेकिन जिन राज्यों में चुनाव हैं उनमें गुस्सा बढ़ता महसूस हो रहा है। आंदोलन का पंजाब की आर्थिक गतिविधियों सहित सामाजिक ढांचे पर भी प्रभाव पड़ रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू होने के बाद 400 से ज्यादा किसानों व खेत मजदूरों की जान जा चुकी है।
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