एचएयू वैज्ञानिकों के नाम एक और उपलब्धि: मकई दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटड मेज शेलर को मिला डिजाइन पेटेंट

HAU Scientists sachkahoon

कम जोत वाले किसानों को होगा फायदा, खर्च भी बहुत कम

हिसार (सच कहूँ न्यूज)। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि को विश्वविद्यालय के नाम किया है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार की गई मकई का दाना निकालने वाली पेडल ऑपरेटड मेज शेलर को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से डिजाइन पेटेंट मिला है। मशीन का अविष्कार महाविद्यालय के प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. विजय कुमार सिंह व सेवानिवृत्त डॉ. मुकेश गर्ग की अगुवाई में किया गया। इस मशीन के लिए वर्ष 2019 में डिजाइन के लिए आवेदन किया था।

डॉ. मुकेश गर्ग ने बताया कि इसका प्रयोग कम जोत वाले व छोटे किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। इस मशीन से मक्का का बीज तैयार करने में मदद मिलेगी, क्योंकि इसके द्वारा निकाले गए दाने मात्र एक प्रतिशत तक ही टूटते हैं और इसकी प्रति घंटा की कार्यक्षमता भी 55 से 60 किलोग्राम तक की है। इससे पहले यह कार्य मैनुअल तरीके से चार-पांच किसान मिलकर करते थे, जिसमें समय व लेबर अधिक लगती थी और एक व्यक्ति एक घंटे में केवल 15 से 20 किलोग्राम तक ही दाने निकाल पाते थे। इसमें दाने टूटते भी अधिक थे।

आधुनिक मशीन को चलाने के लिए केवल एक व्यक्ति की जरूरत है और इसको एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन की भी समस्या नहीं होती, क्योंकि इसका वजन लगभग 50 किलोग्राम है, जिसमें पहिए लगे हुए हैं।

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