Adani Group News: अडानी की सख्त कार्रवाई, तुर्की और चीन की कंपनियों के साथ खत्म की साझेदारी

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Adani Group News: अडानी की सख्त कार्रवाई, तुर्की और चीन की कंपनियों के साथ खत्म की साझेदारी

Adani Group News: मुज्जफरनगर, अनु सैनी। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मद्देनज़र, देश की बड़ी कंपनियां अब अधिक सतर्क हो गई हैं। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अडानी ग्रुप ने हाल ही में तुर्की और चीन की दो प्रमुख कंपनियों के साथ अपने कारोबारी रिश्ते समाप्त कर दिए हैं। यह फैसला न केवल देशहित को प्राथमिकता देने का संकेत है, बल्कि यह भारत की बदली हुई भू-राजनीतिक रणनीति का भी परिचायक है।

पृष्ठभूमि: तुर्की-पाकिस्तान नजदीकी और भारत की नाराज़गी | Adani Group News

हाल के दिनों में तुर्की ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है, जिससे भारत-तुर्की रिश्तों में खटास आ गई है। तुर्की के इस रुख को लेकर भारत में विरोध तेज़ हुआ और सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट तुर्की’ मुहिम भी देखने को मिली।

सरकार की कार्रवाई: सुरक्षा मंजूरी रद्द

भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की सुरक्षा से संबंधित मंजूरी रद्द कर दी। इसके बाद अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट पर इस तुर्की कंपनी के साथ अपना अनुबंध समाप्त करने का फैसला लिया।

एयरपोर्ट ऑपरेशन्स पर असर नहीं

अडानी एयरपोर्ट के प्रवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं अब सीधे अडानी के नियंत्रण में होंगी, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह सुनिश्चित किया गया है कि सेवाओं में कोई बाधा न आए।

कर्मचारियों के लिए आश्वासन

सेलेबी के जिन कर्मचारियों ने इन एयरपोर्ट्स पर काम किया था, उन्हें नई ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों में ट्रांसफर किया जाएगा। अडानी ने आश्वासन दिया है कि सभी कर्मचारियों को उनकी वर्तमान शर्तों पर नौकरी दी जाएगी, जिससे रोजगार पर प्रतिकूल असर न पड़े।

सेलेबी का पक्ष: खुद को तुर्की से अलग बताया | Adani Group News

सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड ने इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वे पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हैं और किसी भी राजनीतिक संगठन या सरकार से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
कंपनी के अनुसार, उनकी हिस्सेदारी में 65% विदेशी निवेशकों की है, जिनमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और यूरोपीय देशों के निवेशक शामिल हैं। इसके अलावा, कंपनी ने यह भी दावा किया है कि उसका संचालन पेशेवर और पारदर्शी तरीके से किया जाता है।

ड्रैगनपास क्या करती है?

ड्रैगनपास चीन की एक प्रमुख कंपनी है जो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स पर लाउंज एक्सेस और अन्य प्रीमियम ट्रैवल सुविधाएं प्रदान करती है। इसका हेडक्वार्टर चीन के गुआंगझोउ में है और यह 1,300 से अधिक एयरपोर्ट लाउंज में सेवाएं देती है।

अडानी की त्वरित कार्रवाई

हाल ही में अडानी डिजिटल लैब्स और ड्रैगनपास के बीच एक साझेदारी की घोषणा हुई थी, लेकिन मात्र एक सप्ताह के अंदर यह संबंध समाप्त कर दिया गया। अडानी ग्रुप ने स्पष्ट कर दिया कि अब ड्रैगनपास के ग्राहक उसके एयरपोर्ट्स पर लाउंज सेवाओं का लाभ नहीं उठा सकेंगे।

कारण अस्पष्ट, लेकिन संकेत स्पष्ट | Adani Group News

हालांकि इस साझेदारी को समाप्त करने के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है, लेकिन मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात और भारत-चीन के तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए यह फैसला सुरक्षा और रणनीतिक चिंताओं से प्रेरित माना जा रहा है।

राष्ट्रीय हित सर्वोपरि | Adani Group News

अडानी ग्रुप की इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट संकेत गया है कि अब भारत में व्यापार केवल आर्थिक लाभ के आधार पर नहीं, बल्कि रणनीतिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से भी देखा जाएगा। यह नीति न केवल देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, बल्कि उन विदेशी कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है जो भारत की राष्ट्रीय हितों के विपरीत देशों से संबंध रखती हैं।
निष्कर्ष: बदले समीकरण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम भारत तेजी से एक आत्मनिर्भर और वैश्विक ताकत के रूप में उभर रहा है। ऐसे में विदेशी कंपनियों के साथ गठजोड़ अब केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी परखा जा रहा है। अडानी ग्रुप का यह फैसला इस दिशा में एक बड़ा कदम है और आने वाले समय में कई अन्य कंपनियां भी इसी सोच के साथ अपने व्यापारिक फैसले लेंगी।