खुद जीवन की तलाश में जीवनदायिनी घग्गर नदी

Ghaggar River
Ghaggar River: हरियाणा के सिरसा में किसान की घग्घर नदी में डूबने से मौत

बरसाती पानी के बाद फिर आना शुरू हुआ बदबूदार पानी

जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। प्रदेश सरकार द्वारा विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी को दोबारा धरा पर लाने के लिए अलग से बजट का प्रावधान करके नदी की खुदाई का कार्य किया जा रहा है। वहीं घग्घर नदी के साथ एकदम विपरीत हो रहा है। कभी हरियाणा व पंजाब के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली नदी अब प्रदूषण से जूझ रही है। कभी इस नदी का पानी लोग पशुधन, कपड़े धोने व नहाने के लिए इस्तेमाल किया करते थे। मगर आज इसमें सिर्फ केमिक्ल युक्त दूषित पानी नजर आता है। काला झागदार पानी दूर तक बदबू छोड़ता है। पानी की हालत देखकर नदी पर ही तरस आ जाता है।

सवाल फिर वही खड़ा होता है, जब एक नदी जीवित है तो उसे बचाने का प्रयास क्यों नहीं हो रहा। नदी का गंदा पानी साथ लगते 10 किलोमीटर की दूरी में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन गया। बता दें कि फतेहाबाद जिले में करीब 84 किलोमीटर तक नदी बहती है। जिसमें से खंड जाखल के मुख्य गांव तलवाड़ी, भूरथली, चांदपुरा, सिधानी, म्योदकलां, मुसाखेड़ा, बबनपुर, लांबा, नथ्थवान, रतिया, बलियाला प्रमुख है। जब नदी दूषित नहीं थी तो इन गांव के साथ पूरे जिले के लिए नदी वरदान थी। घग्गर नदी के तटीय किसान बुजुर्ग मेजर सिंह व करनैल ग्रेवाल का कहना है कि जब जिले में नहर भी नहीं थी, तब घग्घर नदी से आसपास के क्षेत्र ही विकसित था। नदी के साथ लगते गांवों के किसान समृद्ध माने जाते थे।

घग्घर नदी का पानी पूरी तरह दूषित हो गया है, तभी इस क्षेत्र में केंसर जैसी भयानक बीमारियां के मरीज बढ़ रहे हैं। जहां से घग्घर नदी गुजरती है, वही पर ऐसी बीमारियों से ग्रस्त मरीज सबसे ज्यादा है। ग्रामीणों को यही सलाह है कि दूषित पानी पीने से बचे। इसके अलावा अपने घरों पर उच्च क्वालिटी के आरो सिस्टम लगाए, इससे सेहत सही रहेगी, वहीं बीमारी से बचाव सही तरीके से हो सकेगा।
-डॉ. सुशील कुमार गर्ग, वरिष्ठ चिकित्सक सीएचसी जाखल।

पंजाब में डाला जा रहा गंदा पानी

घग्घर नदी मुख्यत: पंजाब से दूषित हो जाती है। पंजाब में नदी के साथ बड़ी संख्या में केमिकल फैक्ट्रियां है। जिनका केमिकल युक्त पानी नदी में गिरता है। फतेहाबाद जिले में नदी के किनारे कोई दूषित करने वाली फैक्ट्री नहीं है। घग्घर नदी का सुधार केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के माध्यम से ही संभव है। नदी मुख्यत: पंजाब में दूषित होती है। वहां की सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती।

हरियाणा सरकार ने लिया एक्शन

घग्गर नदी को बचाने के लिए, वही इसमें आ रहे गंदगी युक्त पानी को बंद करने के लिए हरियाणा सरकार गंभीर है, जिला प्रशासन ने सभी इसकी तटीय पंचायतों को, शहरों को लिखकर एवं सूचना सार्वजनिक कर सख्त आदेश दे दिए हैं कि कोई भी गांव का गंदा पानी या शहर का सीवरेज का पानी इस नदी में ना छोड़े अगर कोई अधिकारी, कर्मचारी, कोई भी पंचायत ऐसा करती मिली तो उसके खिलाफ एनजीटी के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

घग्घर नदी को बचाने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए। यह जीवनदायिनी है। इसको बचाना जरूरी है। हमने नदी को बचाने के लिए लंबे समय तक धरना दिया था। जिसमें बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों ने सहयोग दिया। नदी को दूषित करने वालों वालों पर कार्रवाई नहीं होती, तभी तो पिछले डेढ़ दशक से एक व्यक्ति पर भी कार्रवाई नहीं हुई।
-सतीश कुमार सिधानी, सामाजिक कार्यकर्ता।

 

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