एकेसी फूड पर ‘देशी’ का तड़का, गाय के दूध से बनी मिठाई के दीवाने हुए लोग

Sirsa News

शुद्धता और गुणवत्ता के बलबूते चौपटा क्षेत्र में अल्प समय में पाया नया मुकाम

चौपटा (सच कहूँ/भगत सिंह)। त्यौहार के अवसर पर अकसर लोग मिलावटी मिठाई (Adulterated Sweets) को लेकर खासे चौकने रहते हैं। वहीं चौपटा क्षेत्र से खाद्य क्षेत्र में पदार्पण करने वाली एकेसी फूड्स कंपनी अपनी शुद्धता और गुणवत्ता के बलबूते अल्प समय में उपभोक्ताओं के विश्वास पर खरा उतरी है, जिसके चलते एकेसी फूड्स के प्रोडेक्टस खरीदने के लिए लोगों की दिनभर लाइनें लगी रहती हैं। खासकर दीपावली के अवसर पर लोगों में एकेसी फूड्स को लेकर खासा रूझान देखने को मिल रहा है। करीब 15 वर्ष से एकेसी फूड्स में गाय के देसी घी से बने शुद्ध उत्पाद हरियाणा, राजस्थान सहित देश के कई भागों में लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। Sirsa News

एकेसी फूड्स के संचालक अजय चुरणिया ने बताया कि करीब डेढ़ दशक से एकेसी फूड्स खाद्य पदार्थ बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। अढ़ाई महीने पहले चौपटा में एकेसी फूड्स की नई बांच शुरू हुई है, जहां उपभोक्ताओं का भरपूर प्यार मिल रहा है। एकेसी फूड्स पर देशी गाय के प्योर दूध से उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जिनको लोगों बेहद पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां गाय का देसी घी भी उचित रेट पर मिलेगा। वहीं शुद्ध देसी घी, दूध से बनी मिठाइयां जैसे रसगुल्ला, गुलाब जामुन, काजू कतली, खोया बर्फी, मिल्क केक, लड्डू बनाए जाते हैं और देसी घी से बूंदी तैयार की जाती है।

यहां देशी घी से बनता है फास्ट फूड | Sirsa News

लोगों में इन दिनों फास्ट फूड का क्रेज बहुत देखने को मिलता है, लेकिन फास्ट फूड में शुद्धता का पैमाना कहीं नहीं ठहरता। लेकिन एकेसी फूडस कंपनी द्वारा देशी घी से फास्ट फूड तैयार किया जाता है, जोकि वाजिब कीमत पर मिलता है। यहां का समोसा लोगों में बड़ा फेमस है। लोगों की मांग के अनुसार नाथूसरी चोपटा में भादरा रोड पर किसान बीज भंडार के पास वाली गली में नया प्रतिष्ठान खोला गया है, जिसमें शुद्ध देसी घी व दूध से बने उत्पाद ही मिलते हैं।

शीत सिस्टम में सेफ रहती हैं मिठाइयां, डेयरी व्यवसाय से जुड़े 200 किसान

अजय कुमार ने बताया कि डेयरी फार्मिंग प्लांट एकेसी फूड्स में दही, पनीर, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, आइसक्रीम व कुल्फी सहित कई प्रकार की मिठाइयां बनाता है और हमारे यहां शीत करण सिस्टम लगाया हुआ है, जिससे दूध के बने उत्पाद जल्दी खराब नहीं होते। इसके लिए अपनी 15 पालतू गायों के दूध के साथ-साथ आसपास के गांवों के 200 किसानों को अपने व्यवसाय के साथ जोड़कर दूध एकत्रित करता है, वहीं करीब 25 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया गया है।

यह भी पढ़ें:– Rangoli Design: ऐसे रंगोली डिजाइन, जो देखे, देखता ही रह जाए!