‘अमेरिका ईरान से बातचीत के लिए तैयार ’

'America ready to negotiate with Iran'

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओटार्गुस ने कहा,

वाशिगटन (एजेंसी)। अमेरिका ने कहा है कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के ईरान से बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन ईरान को दिखाना होगा कि वह इस तरह की बातचीत के लिए तैयार है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओटार्गुस ने मंगलवार को एक वक्तव्य जारी कर यह बात कही। ओटार्गुस ने कहा, ‘हमारा संदेश यह है कि हम ईरान से बात करने के इच्छुक हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार कह चुके हैं कि वे बिना किसी पूर्व शर्त बातचीत करने के लिए तैयार हैं। ईरान को केवल इतना दिखाना होगा कि वह इस तरह की बातचीत के लिए तैयार है।

  • दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर

ल्लेखनीय है कि ओमान की खाड़ी में गत माह होरमुज जलडमरूमध्य के नजदीक दो तेल टैंकरों अल्टेयर और कोकुका करेजियस में विस्फोट की घटना और ईरान द्वारा अमेरिका के खुफिया ड्रोन विमान को मार गिराने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। गत सप्ताह ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते के तहत यूरेनियम संवर्द्धन की तय सीमा को पार कर लिया है। ईरान ने 3.67 प्रतिशत की तय सीमा को पार कर अपना यूरेनियम संवर्द्धन 4.5 प्रतिशत तक कर लिया है।

  • ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने इसकी पुष्टि भी की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अपने देश के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गए हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।

  • मिसाइल कार्यक्रम पर नहीं होगी कोई बातचीत: ईरान

ईरान ने अपने मिसाइल कार्यक्रम पर बातचीत शुरू करने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने मंगलवार को एक वक्तव्य जारी कर यह बात कही। वक्तव्य के मुताबिक ईरान उन सभी अटकलों को सिरे से खारिज करता है जिसके मुताबिक यदि भविष्य में अमेरिका खाड़ी क्षेत्र के देशों को मिसाइल और अन्य हथियार बेचना बंद कर देता है तो ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रमों पर बातचीत शुरू कर सकता है।

 

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