हौसले व जज्बे की उड़ान का दूसरा नाम है अन्नु यादव

  • हिसार निवासी 14 वर्षीय नन्ही पर्वतारोही अन्नु यादव कर चुकी हैं अनेक चोटियों को फतेह –

  • सबसे कम उम्र में माउंट एवरेस्ट को फतह करना है सपना –

  • आर्थिक मदद के बिना कहीं रह जाए ना सपना –

  • पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने किया मार्गदर्शन –

  • माता-पिता का भी रहा विशेष योगदान –

उकलाना / हिसार (सच कहूँ न्यूज) सफलता उनको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। ये पंक्तियां उन व्यक्तियों के लिए सत्य सिद्ध हुई है जिन्होंने अपनी मेहनत व लगन से बड़ी से बड़ी सफलता भी हासिल कर ली है । ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिसार निवासी अन्नु यादव ने । पिता ओमबीर यादव माता सुलोचना यादव की लाडली बेटी अनु यादव ने अपने सफर की शुरुआत 9 अक्टूबर 2020 को माउंट फ्रेंडशिप पीक जिसकी ऊंचाई 5242 मीटर है हिमाचल प्रदेश की चोटी को फतह कर की थी । मात्र 14 वर्षीय अन्नु यादव का यह जज्बा काबिले तारीफ ही नहीं बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है और यह साबित करता है कि जीवन में कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है । बर्शते लक्ष्य हासिल करने के लिए लग्न व उत्साह का मिश्रण कर सच्चे दिल से प्रयत्न किया जाए , तो किया गया प्रयत्न निष्फल नहीं जाता और कामयाबी एक न एक दिन जरूर मिलती है।

अन्नु यादव ने हिमाचल प्रदेश मनाली की माउंट फ्रेंडशिप चोटी को फतह कर हिमाचल प्रदेश धर्मशाला की माउंट मून पीक जिसकी ऊंचाई 4650 मीटर है की तरफ कदम बढ़ाया । मेहनत , लगन , उत्साह और सच्चे दिल से प्रयत्न कर अन्नु यादव ने 1 नवंबर 2020 को इस चोटी को भी फतेह कर लिया । अन्नु यादव का सफर यहीं खत्म नहीं हुआ । इसके बाद उन्होंने अफ़्रीका की तंजानिया में स्थित किलिमंजारो की तरफ कदम बढ़ाया । किलिमंजारो पर्वत की ऊंचाई 5895 मीटर है जो तंजानिया में स्थित है । अन्नु यादव ने इस चोटी को भी फतह करने की ठान ली और उन्होंने अपने हौसलें व जज्बे से 21 मार्च 2021 को इस चोटी को भी फतह करके ही दम लिया ।

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पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने किया मार्गदर्शन –

इसी दौरान रोहताश खिलेरी सहित अन्य पर्वतारोहियों से संपर्क करते हुए यूट्यूब वह अन्य माध्यमों से जानकारी हासिल की । अन्नु यादव ने बताया कि इस मिशन में उनका मार्गदर्शन माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर चुके पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने किया जो कि इस अभियान में उनके वे कोच भी रहे हैं । इस प्रकार उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम बनाने के लिए नए प्रकार के अभ्यास योग और खानपान का विशेष ध्यान दिया । इसके साथ ही उत्तराखंड के ऋषिकेश और उस केदारनाथ सहित अन्य स्थानों पर भी शुरुआती जोखिमों से अवगत करवाया गया । –

माता-पिता का भी रहा विशेष योगदान

अभियान के बारे में अन्नु यादव ने बताया कि बस बचपन से ही खेल में हिस्सा लेती रही हैं और सुबह शाम विद्युत नगर के खेल के मैदान में कोच रिंकू पानू की निगरानी में अभ्यास करती रही है । कोच रिंकू पानू ने भी उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर माउंट एवरेस्ट के लिए काफी प्रोत्साहित किया है । वहीं उनके दादा खुशीराम यादव व दादी चमेली देवी के साथ-साथ मम्मी पापा व भाई गौरव यादव का विशेष योगदान रहा है ।

सबसे कम उम्र में माउंट एवरेस्ट को फतह करना है सपना

अन्नु यादव मूल रूप से फतेहाबाद जिले के गांव की निवासी हैं एवं उनके पिता ओमवीर यादव दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में कार्यरत हैं । अन्नु यादव ने बताया कि उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत वर्ष 2018 में की थी । उस दौरान हिसार के मल्लापुर निवासी पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था जिस से प्रेरित होकर अन्नु यादव ने भी इसी रास्ते पर चलकर एवरेस्ट फतह करने का लक्ष्य बनाया । अन्नु यादव ने बताया कि उनकी माता सुलोचना देवी भी बिजली निगम की ओर से आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में रस्साकशी की हासिल की अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं। उन्होंने बचपन से ही अपनी मां को खेलते देखकर खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया और प्रतियोगिता में भाग लेते हुए जीत हासिल की ।

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