देश छोड़ने पर गनी ने दी सफाई, पैसे लेकर भागने के आरोपों को किया खारिज

Ashraf Ghani

काबुल/अबू धाबी (एजेंसी)। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से पलायन करने के पश्चात संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण लेने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह देश लौटने के लिए बातचीत कर रहे हैं। गनी ने फेसबुक पर अपने वीडियो पोस्ट में वह शांति से तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करना चाहते थे , लेकिन मुझे मेरी मर्जी के विपरीत अफगानिस्तान से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया था कि तालिबान काबुल में हैं। हमारे बीच एक समझौता था कि तालिबान काबुल में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ऐसा किया। मैं फांसी नहीं चाहता , क्योंकि एक राष्ट्रपति के रूप में मैं अफगानिस्तान का सम्मान हूं। मैं मौत से नहीं डरता।”

उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बलों ने मुझे बताया कि मेरे खिलाफ साजिश की गई थी। गत रविवार को मैं हमेशा की तरह अपने कार्यालय में था। इसी दिन दोपहर में मैं काबुल में स्थिति का आकलन करने के लिए रक्षा मंत्रालय गया। अचानक मेरे सुरक्षाकर्मी एक बड़ी साजिश को विफल करने के लिए पहुंचे और मुझे वहां से बाहर निकाला। पैसे लेकर देश से पलायन करने संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘ मैंने पैसे लेकर अफगानिस्तान से पलायन किया है , यह आरोप निराधार हैं। आप यूएई के कस्टम से इसकी पुष्टि कर सकते हैं। मेरे पास अपने जूते बदलने का समय नहीं था। मेरी सुरक्षा के मद्देनजर मुझे जाने के लिए कहा गया , क्योंकि देश के होने के नाते मेरे लिए एक आसन्न खतरा था।

ब्लिंकन और रैब ने की अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन तथा ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिकी रैब ने अफगानिस्तान के निवासियों तथा विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर बात की है। यह जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय ने बताया कि ब्लिंक तथा रैब ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के वहां के निवासियों तथा विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान के निवासियों तथा विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर ब्रिटीश विदेश मंत्री डोमिकी रैब से चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के पालन करवाने के तरीकों पर भी चर्चा की, जहां करीब 4,500 अमेरिकी सैनिक अब भी काबुल हवाई अड्डे पर लोगों वहां से निकालने का कार्य कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश विदेश मंत्री रैब ने बुधवार को कहा कि ब्रिटेन अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय समूह तैयार करने की कोशिश करेगा।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।