कांग्रेस पार्टी अब नाम बदल ले : मोदी

Pradhan Mantri Gati Shakti Yojana

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस का संघवाद पर बार बार सवाल उठाये जाने को लेकर उस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उसे अपना नाम ‘इंडियन नेशनल कांग्रेस’ से बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए। मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर ग्यारह घंटे तक हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस को ‘नेशन’ पर आपत्ति है यानि ‘नेशन’ उसकी संकल्पना में गैर संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस को उसका नाम बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए। कांग्रेस के सदस्य जब इसका कड़ा विरोध कर सदन से जाने लगे तो प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सिर्फ सुनाना ही नहीं होता है सुनना भी होता है। सालों तक उपदेश देने की आदत के कारण कांग्रेस को बातें सुनने में मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने कहा था कि प्रशासनिक सुविधा के लिए राज्यों में बांटा जा सकता है लेकिन देश अभिन्न रुप से एक है।

मोदी ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि हवाईअड्डें पर मामूली बातों के लिए मुख्यमंत्री को हटा दिया जाता था। आन्ध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यतंत्री टी. अंजैया के साथ ऐसा हुआ था जब एक प्रधानमंत्री के बेटे को हवाई अड्डे पर वहां का प्रबंध पसंद नहीं आया था। इसी तरह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री वीरेन्द्र पाटिल जब बीमार थे तब उन्हें अपमानित किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं है। क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान होना चाहिए और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा किया जाना चाहिए। राज्य की प्रगति होनें से ही देश की तरक्की होती है। देश समृद्ध होगा तो राज्य समृद्ध होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि दशकों तक केन्द्र में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने राज्यों के साथ दमन किया। करीब एक सौ बार चुनी हुई राज्य सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया। एक प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान 50 राज्य सरकारों को उखाड़ फेंका और अब उसी की सजा भुगत रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति राज्य सरकारों को अस्थिर और बर्खास्त करने की रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फारुख अब्दुल्ला, चौ. देवीलाल और चौधरी चरण सिंह की सरकार को बर्खास्त किया गया और बाला साहेब ठाकरे को बदनाम किया गया। पचास के दशक में केरल की वामपंथी सरकार को बर्खास्त किया गया। एनटीआर और मुलायम सिंह यादव को अस्थिर करने का प्रयास किया गया।

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