उकलाना हलके के गांव संदोल के जवान सोमबीर का अंतिम संस्कार हुआ आज –

सैकड़ों लोगों ने दी नम आंखों से विदाई

  • राजकीय सम्मान के साथ किया गया सोमबीर का अंतिम संस्कार-
  • देश के लिए मर मिटने का जज्बा बचपन से ही था –

उकलाना (सच कहूँ/कुलदीप स्वतंत्र)। देश के लिए मर मिटने वाले बहादुर जवान मरते नहीं बल्कि हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। बुधवार को सिक्किम के जेमा इलाके में बस दुर्घटना में सेना के 16 जवान शहीद हो गए । उनमें से तीन जवान हरियाणा के थे। जिनमें से सोमबीर उकलाना खंड के गांव संदोल का रहने वाला था । सोमवीर का रविवार को उनके पैतृक गांव संदोल में अंतिम संस्कार किया गया । उनका पार्थिव शरीर सेना के विमान में गांव लाया गया । उनके अंतिम संस्कार में गांव के सैंकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग शामिल हुए।

भारत माता की जय , सोमवीर ढूकिया अमर रहे , वंदे मातरम , जब तक सूरज चांद रहेगा , सोमवीर तेरा नाम रहेगा , इंकलाब जिंदाबाद । आदि नारों से सोमबीर को अंतिम विदाई दी गई। उनके अंतिम संस्कार में सेना के जवान , पुलिस बल के जवान , श्रम एवं रोजगार मंत्री अनूप धानक , पूर्व विधायक , नरेश सेलवाल , भाजपा नेत्री डॉ आशा खेदड़ सहित सैंकड़ों की संख्या में बच्चे , बूढ़े , जवान सभी सोमवार को नम आँखों से अंतिम विदाई दे रहे थे।

देश के लिए मर मिटने का जज्बा बचपन से ही था –

11 सितंबर 1994 को पिता रामकिशन व माता शारदा के घर संदोल में जन्मे सोमबीर ने अपने आप को देश के लिए कुर्बान कर दिया । सरपंच प्रतिनिधि सरजीत ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमबीर बचपन से ही सेना में भर्ती होने का जज्बा रखते थे व देश के लिए मर मिटने का जुनून था । सोमवीर 2015 में 113 मुंबई इंजीनियर रेजीमेंट में लांस नायक के पद पर भर्ती हुए थे । उन्होंने बताया कि सोमबीर ने 2008 में आठवीं गांव के एस डी मिडल स्कूल से पास की थी । 2010 में उन्होंने दसवीं अग्रोहा के हिंद पब्लिक स्कूल से पास की थी ।

2012 में उन्होंने 12 की परीक्षा कॉमर्स से भी अग्रोहा के हिंद पब्लिक स्कूल से पास की थी । सोमबीर के परिवार में उनका पिता रामकिशन , माता शारदा देवी , उसका छोटा भाई सुरेंद्र फौजी जो 2018 में सेना में भर्ती हुआ । मंझली बहन सुशीला है । सोमवीर की शादी 6 वर्ष पूर्व निशा से हुई थी । सोमवीर का करीब 3 साल का बेटी सौम्या व 1 वर्षीय बेटा शिवांश है ।

मिलनसार स्वभाव के थे सोमवीर –

सरपंच प्रतिनिधि सरजीत ने बताया कि सोमवीर मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे । वे जब भी गांव आते थे तो युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करते थे । वे खो-खो खेलते थे उनका प्रिय खेल खो – खो था । सरपंच प्रतिनिधि सरजीत ने बताया कि उनके सम्मान में आधा एकड़ जमीन में स्मारक बनाया जाएगा।

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