अपने लाडले को देखने के लिए तरसी आंखें

यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राओं की वतन वापसी की मांग, गुहार लेकर प्रशासन के पास पहुंचे परिजन

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। यूक्रेन में फंसे भारत के छात्र-छात्राओं को लेकर परिजन चिंतिंत है। वे अपने बच्चों की सकुशल भारत वापसी की आस लगाए बैठे हैं। इस आस में उनका रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चों के अभिवावक दो दिनों से टीवी पर नजरें गढ़ाए बैठे हैं और बच्चों की सकुशल वतन वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

शुक्रवार को आसपास के क्षेत्र के वे नागरिक जिनके बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं, उन्हें वापस भारत लाने की गुहार लेकर जिला प्रशासन के पास पहुंचे। इन नागरिकों ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं के साथ उपखण्ड अधिकारी डॉ. अवि गर्ग से मुलाकात कर उन्हें प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर माकपा के जिला सचिव रघुवीर सिंह वर्मा ने कहा कि यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं।

इनमें हनुमानगढ़ जिले के भी कई छात्र-छात्राएं शामिल हैं। जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव मक्कासर निवासी छात्र दलजीत सिंह पुत्र गुरदीप सिंह कुम्हार भी करीब तीन माह पहले ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए यूक्रेन गया था। लेकिन अब यूक्रेन में युद्ध के हालात पैदा हो चुके हैं। इस कारण दलजीत सिंह सहित कई छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंस गए हैं। इन बच्चों के परिजनों को भारतीय दूतावास से भी कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं मिल रहा।

इस कारण यूक्रेन में फंसे भारत के छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके परिजनों में भय व अनिश्चितता का माहौल है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग की कि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर यूक्रेन में फंसे भारत के छात्र-छात्राओं के साथ भारतीय नागरिकों को सही-सलामत लाने की व्यवस्था करे। वहीं छात्र दलजीत सिंह के चाचा कुलवीर सिंह ने बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे उसके भतीजे दलजीत सिंह के पास रुपए खत्म हो गए हैं।

खाने-पीने की व्यवस्था करने में भी दिक्कत आ रही है। उससे रोजाना दूरभाष पर बात हो रही है। कीव पर रोजाना रूसी सेना हमला कर रही है। इस कारण पूरा परिवार दलजीत की सुरक्षा को लेकर भयभीत है। केन्द्र सरकार से मांग है कि दलजीत के साथ यूक्रेन में फंसे अन्य भारतीय बच्चों को सकुशल भारत लाया जाए। इस मौके पर सुरेन्द्र शर्मा, ओम स्वामी, अमरीक सिंह, जगदीश आदि मौजूद रहे।

पूर्व पार्षद का पुत्र भी यूक्रेन में फंसा

उधर, जंक्शन के गांधीनगर निवासी पूर्व पार्षद परमजीत कौर सोनी व अमरजीत सोनी का पुत्र जॉफी जोरा भी यूक्रेन में फंसा हुआ है। पूरा परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। जॉफी जोरा की माता के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे। अमरजीत सोनी के अनुसार उसका पुत्र जॉफी जोरा यूक्रेन के खारकिव में पांच साल से एमबीबीएस कर रहा है। उसकी भारत वापसी के लिए 24 फरवरी की टिकट बुक करवाई।

23 फरवरी को उसका पुत्र जॉफी जोरा खारकिव से यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए रवाना हुआ। 24 फरवरी को सुबह 6 बजे एयरपोर्ट पहुंचा तो पता चला कि एयरपोर्ट बंद है। इसके बाद जॉफी जोरा मेट्रो के जरिए भारतीय दूूतावास पहुंचा। भारतीय दूतावास में करीब 250 बच्चे हैं। अब उसका बेटा भारतीय दूतावास के पास एक स्कूल में रह रहा है। भारतीय दूतावास उसकी मदद कर रहा है।

खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। उनकी अपने बेटे से लगातार बातचीत हो रही है। जॉफी जोरा खुद के सुरक्षित होने की बात कह रहा है। लेकिन उनमें अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर भय बना हुआ है। जॉफी जोरा भी जल्द से जल्द वहां से निकालने की मांग कर रहा है। अमरजीत सोनी ने भी केन्द्र सरकार से मांग की कि उसके बेटे की भारत वापसी करवाई जाए।

 

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