farmers protest: बीमा क्लैम व मुआवजा को लेकर किसान आए सड़कों पर

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Sirsa किसानों ने नारेबाजी कर जताया रोष farmers protest

चौपटा (भगत सिंह)। तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में भारतीय किसान यूनियन (farmers protest) के बैनर तले किसानों ने मांगों को लेकर मंगलवार को तहसील कार्यालय का घेराव किया। कार्यालय के सामने किसानों ने दो घंटे तक संकेतिक घरना देकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। किसानों के रोष प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था। सूचना मिलने पर डीएसपी जगत सिंह, चौपटा थाना प्रभारी राजा राम मौके पर पहुंचे। चौपटा के तहसीलदार ने किसानों को उच्च अधिकारियों से बैठक करवाकर मांगों का समाधान करवाने का आश्वासन दिया।

किसानों ने नारेबाजी कर जताया रोष | farmers protest

तहसील कार्यालय में मंगलवार को किसानों ने मांगों को लेकर पंचायत रखी हुई थी। किसान यहां पर 19 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी को लेकर सुबह दस बजे से ही किसान धरना स्थल पर पहुंचने लगे। इसके बाद किसानों ने सुबह ११ बजे तहसील कार्यालय गेट के आगे नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री मुदार्बाद के नारे भी लगाए। किसानों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी धरना प्रदर्शन जारी रहेगी। किसानों ने दोपहर दो बजे संकेतिक धरना खत्म कर दिया।

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किसानों की मांग पर कोई ध्यान | farmers protest

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव रवि आजाद, जिला अध्यक्ष भरत सिंह झाझड़ा व महासचिव अमन बैनीवाल ने कहा कि किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों की हालत दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। जबकि सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों की मांग 2022 का बीमा क्लैम व मुआवजा जारी किया जाए, सीएससी सेंटर के द्वारा रद्द हुए बीमे को बहाल करें, गेहूं व सरसों की समय पर खरीद व समय पर भुगतान किया जाए। हर साल बीमा व मुआवजा देने की निश्चित तिथि तय की जाए।

किसानों की जायज मांग पूरी करें सरकार | farmers protest

इसी दौरान किसानों के बीच पहुंची सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपअध्यक्ष संतोष बैनीवाल ने कहा कि किसानों की मांग जायज है। इनकी मांग सरकार पूरी करने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में कड़ी मेहनत करके फसल तैयार करता है। इसके बाद फसल नष्ट हो जाती है। मगर किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिलता है। इस अवसर पर दिवान सहारण, नरेंद्र, जगदीश चाड़ीवाल, जगत पाल चाहरवाला, संदीप कासनियां, सुंदर शाहपुरिया, नेशी औलख, देव कुमार, रोहताश कुमार, सुरेंद्र कासनिया, रविंद्र कासनिया मौजूद रहे।

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