Story : मैंने कोरोना को नहीं हराया
मैं एक प्राइवेट कंपनी में बाबू हूँ। हमेशा की तरह मैं कम्पनी में काम कर रहा था। ‘मुझे हल्का बुखार आया, शाम तक सर्दी भी हो गई। पास ही के मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेकर खाई।’ 3-4 दिन थोड़ा ठीक रहा, एक दिन अचानक सांंस लेने में दिक्कत हुई। आॅक्सीजन लेवल कम ह...
आपके नूर की फिर हुई बरसात, प्रेमियों ने घी के दिए जलाए आज…
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के बरनावा आश्रम पधारने की खुशी में प्रस्तुत है दिल को छू लेने वाली एक कवित, कुलदीप कुलदीप स्वतंत्र की कलम से....
कविता: पूज्य गुरु जी आज घर आए हैं...
आपके नूर की फिर हुई बरसात,
प्रेमियों ने घी क...
हीरों का सच
एक बार राजा कृष्णदेवराय दरबार में बैठे मंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर रहे थे कि तभी एक व्यक्ति उनके सामने आकर कहने लगा, ‘महाराज मेरे साथ न्याय करें। मेरे मालिक ने मुझे धोखा दिया है। इतना सुनते ही महाराज ने उससे पूछा, तुम कौन हो? और तुम्हारे साथ क्य...
First Rain On Earth: भरोसा नहीं होगा, डायनासोरों की बादशाहत से पहले, 20 लाख साल तक लगातार हुई थी बारिश!
First Rain On Earth: डॉ. संदीप सिंहमार। पृथ्वी पर इंसान ही नहीं डायनासोर की बादशाहत से पहले एक ऐसा दौर रहा है कि यहां लाखों वर्षों तक लगातार बारिश होती रही। हाल ही में हुए एक रिसर्च में ऐसा दावा किया गया है की करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी पर ऐसी घटना घटी...
Baisakhi 2024: शुभकामनाएँ हों या व्हाट्सएप्प सन्देश, हर दोस्त के पास पाओगे भेजो!
Happy Baisakhi 2024 : नई दिल्ली। फसल उत्सव बैसाखी जोकि पंजाब और उत्तर भारत की जीवंत संस्कृति को दर्शाती है, यह बैसाख महीने के शुरू होने के संकेत देती है। परंपरागत रूप से यह फसल उत्सव साल की 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह पर्व सिख नव वर्ष की शुर...
कहानी: शिव ने अपने सपनों को लगाए पंख
शिव के माता-पिता उसके स्कूल के शिक्षक के गये एवं उनसे बात करते हैं कि शिव पहले बहुत पढ़ाई करता था लेकिन अब उसका ध्यान ना तो पढ़ाई में और ना ही किसी अन्य कार्यों में लगता है।
पूज्य सतगुरु जी ने उठाया है अब बीडा…
पूज्य गुरु जी की बात तुम अब मान जाओ
देश दुनिया के युवाओं तुम अब जाग जाओ।
पूज्य सतगुरु जी ने उठाया है अब बीडा,
DEPTH मुहिम से खत्म करना है नशे रूपी कीड़ा।
देश के नौजवानों को सावधान किया है,
नशे रूपी दैत्य को चीरने का आह्वान किया है।
नशा हर तर...
जल्द आ जाओे MSG, आपकी राह देख रहा संसार
निंदा-चुगली से छोड़ो करना प्यार
तो जल्द आएंगे MSG
करो बुराइयों से तौबा बार-बार
तो जल्द आएंगे MSG
छोड़ो जीवों पे करना अत्याचार
तो जल्द आएंगे MSG
छोड़ो नशों का व्यापार
तो जल्द आएंगे MSG
दो 156 मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार
तो जल्द आएंगे MSG
...
Nazran da Noor: नजरां दा नूर
अंधेरे को चीरती गोल रोशनी अपने गंतव्य की ओर भागी जा रही थी। रिटायर्ड मेजर सरदार गुलबाग सिंह। नियम और उसूलों के पक्के। सुबह चार बजे नहीं कि लेफ्ट-राइट शुरू। वह अपनी चाय बनाकर पी चुके हैं। खिड़की पर बूंदों की दस्तक ने सन्नाटा तोड़ा। निगाहें उस पार देखने ...
प्रेरक प्रसंग : अहंकार
ए क गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस तालाब के अं...
अमीर का झोपड़ा
एक अमीर आदमी था। उसने समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक, नाव बनवाई। छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र, की सैर करने निकला। आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक, एक जोरदार तूफान आया। उसकी नाव पूरी तरह से तहस-नहस, हो गई लेकिन वह, लाईफ जैकेट की मदद से समुद्...
कहानी: बहू का दर्द
Story: जाने क्यों आज अपने बेटे प्रतीक का पक्ष ले रही सीमा को मन ही मन दुख हो रहा था अपनी बहू तारा के लिए। क्योंकि वो गलत का साथ दे रही थी। ऐसे पति के साथ कोई रह भी कैसे सकता है? बस सीमा तो अपने बेटे कि उजड़ती गृहस्थी को नहीं देख पा रही थी इसलिए अपने ब...
कहानी : वीरता पुरस्कार
फौजी संतराम के घर से पत्र आया था। एक पत्र ही तो है जो दूर देश की सीमा पर डटे प्रहरियों को उनके घर वालों से जोड़े रखता है। ये पत्र जब खुलते हैं तब कभी फौजियों के चेहरे खुशी से चमक उठते हैं, कभी दुख में डूब जाते हैं।
फौजी संतराम को अक्सर उसकी पत्नी और ...
कमजोर तू नहीं, तेरा वक्त है
कमजोर तू नहीं, तेरा वक्त है,
व्यर्थ में ही यों न झिझक।
मुश्किलें तो वक्त के साथ बदलती हैं,
इन्हीं से तो जिन्दगी संवरती है।
ग्रीष्म में सूरज का भी होता है तिरस्कार,
शीत में उसका ही होता हैं इन्तजार।
उजियाला तो हर अंधेरी रात बाद होता है,
व...
अकेली लड़की
जी सुनती हो’ सुलभ ने शैलजा के लिए आवाज लगाई थी। ‘अभी आयीं।’ बोलिए, शैलजा कमरे में पहुँचते ही कहा था। ‘अरे भाई, कुछ पल तो अजीत के साथ भी बीता लो, बेचारा विदेश से आया है। जल्द ही लौट जाएगा, इतना समय कहां है। कोई घर आया है तो तुम्हें फुर्सत ही नहीं मिलत...