गोविंद कांडा भाजपा में शामिल, लड़ सकते है ऐलनाबाद उपचुनाव

सरसा (सुनील वर्मा)।ऐलनाबाद उपचुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों में सियासी उठापटक शुरू हो चुकी है। रविवार को हरियाणा लोकहित पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सरसा से विधायक गोपाल कांडा के अनुज गोबिंद कांडा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जिला महामंत्री रामचंद्र कंबोज व जिला उपाध्यक्ष व श्री अग्रवाल सभा के प्रधान नीरज बंसल की उपस्थिति में उन्होंने विशेष कार्यक्रम में भाजपा का दामन थामा। इस मौके पर जिला महामंत्री रामचंद्र कंबोज व जिला उपाध्यक्ष नीरज बंसल व भाजपा प्रदेश मंत्री सुरेंद्र आर्य ने गोबिंद कांडा को पार्टी का पटका पहनाकर स्वागत किया और आश्वस्त किया कि उन्हें पार्टी में पूरा मान-सम्मान मिलेगा। ऐलनाबाद उपचुनाव से ठीक पहले गोबिंद कांडा के भाजपा में शामिल होने से ऐलनाबाद में नए समीकरण देखने को मिलेंगे। संभावना यही जताई जा रही है कि गोबिंद कांडा ही भाजपा की टिकट पर ऐलनाबाद उपचुनाव लड़ेंगे। क्योंकि उन्होंने पहले ही पत्रकारवार्ता कर ऐलनाबाद से चुनाव लडऩे की घोषण की थी।
वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज बंसल ने गोबिंद कांडा के भाजपा में आने से कहा कि इससे पार्टी को जिले में मजबूती मिलेगी।   इस मौके पर भाजपा प्रदेश मंत्री सुरेंद्र आर्य, जिकेश मेहता, राजेंद्र लोहिया, महावीर गोदारा, देवराज मोयल सहित अन्य उपस्थित थे।

 वर्ष 2014 व 2019 में रानियां से लड़े चुके है विधानसभा चुनाव

गोबिंद कांडा दो बार रानियां विधानसभा से हलोपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके है और सरसा में पूरी तरह सक्रिय है। हलोपा सीट से वे वर्ष 2019 तथा वर्ष 2014 में चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों बार ही वे दूसरे स्थान पर रहे हैं। वर्ष 2019 में रानियां सीट से आजाद चौ. रणजीत सिंह विजयी रहे थे, उन्हें 53825 वोट मिले थे जबकि गोबिंद कांडा को 33394 वोट मिले थे और वे 19431 के अंतर से हार गए थे। वर्ष 2014 में गोबिंद कांडा इनेलो प्रत्याशी रामचंद कंबोज से हारे थे। उस चुनाव में रामचंद कंबोज को 43971 वोट मिले थे जबकि गोबिंद कांडा को 39656 वोट मिले थे और वे 4315 वोटों से हारे थे। बड़े भाई गोपाल कांडा की गैर मौजूदगी में गोबिंद कांडा राजनीति में भी पूरी सक्रियता दिखाते हैं।

पिता रहे हैं पुराने जनसंघी

गोपाल-गोबिंद कांडा के पिता मुरलीधर कांडा एडवोकेट आरएसएस से जुडे हुए थे। वर्तमान में गोपाल कांडा भी प्रदेश की भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं। गोपाल कांडा की प्रदेश सरकार से निकटता के चलते गोबिंद कांडा को टिकट मिलना लगभग फाइनल है।

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