स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोविड की समीक्षा बैठक की, कोरोना योद्धाओं के योगदान की प्रशंसा

Health Minister Harsh Vardhan holds review meeting of Covid, praises contribution of Corona warriors

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्‍स) का दौरा किया और राजधानी में हाल में कोविड मामलों में वृद्धि को देखते हुए तैयारियों की समीक्षा की। डॉ हर्षवर्धन ने एम्‍स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (जेपीएनएटीसी) में मरीजों का हालचाल भी पूछा। उन्होंने मरीजों को बेहतरीन देखभाल का आश्वासन दिया। उन्होंने कोविड और गैर-कोविड चिकित्सा में लगे विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ सामान्य/आईसीयू वार्डों में बेड/ऑक्सीजन युक्त बेड की उपलब्धता पर एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में अपने वर्तमान कर्तव्यों को पूरा करने में विभाग प्रमुखों और उनके सहयोगियों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर भी गौर किया गया।

वर्तमान स्थिति से चिंतित

कोरोना योद्धाओं के योगदान की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि संक्रामक बीमारी के आधार के साथ आगे का कार्य तुलनात्मक रूप से आसान होगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी है कि हमारे योद्धा न केवल जागरुक हैं बल्कि वर्तमान स्थिति से चिंतित भी हैं। मैं वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के लिए यहां आया हूं और भविष्य का परिदृश्य क्या हो सकता है ताकि हम पिछले साल की तरह अति-सक्रिय, सबसे पहले और क्रमिक प्रतिक्रिया अपना सकें। ऐसा नहीं है कि हमने 2020 में समस्याओं का सामना नहीं किया है, लेकिन, 2021 में, हमारे पास पिछले वर्ष की तुलना में बीमारी के बारे में अधिक ज्ञान और समझ एवं अधिक अनुभव है। पिछले साल, आपने न केवल यहां के मरीजों की बल्कि पूरे देश में साथी डॉक्टरों की टेलीकंस्लटेशन के माध्यम से मदद की।

हमें गैर-कोविड ​​रोगों के बारे में भी सोचना होगा

उन्होंने कहा, ‘मुझे पांच अप्रैल 2020 को हमारी स्थिति याद है, जब हमारे पास पीपीई किट, वेंटिलेटर और एन-95 मास्क नहीं थे। स्वास्थ्य ढांचे की कथित कमी के लिए दुनिया भर में हमारी अनुचित आलोचना हुई। बुनियादी ढांचे और उत्पादन क्षमताओं के महत्वपूर्ण विस्तार के साथ, हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। हमने वायरस को तब हराया जब हमें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और अपने एक साल के अनुभव से इसे दोबारा हरा सकते हैं।

महामारी के समय गैर-कोविड ​​मरीजों को देखने के महत्व पर, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘ हमें गैर-कोविड ​​रोगों के बारे में भी सोचना होगा। हमें उपेक्षा नहीं करनी चाहिए और उनके उपचार को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। अब हम सभी उपायों से लैस हैं, हमें वर्तमान दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से निपटने के बारे में सोचने की जरूरत है। हमें नये मॉडल विकसित करने के बारे में सोचने की जरूरत है, जिन्हें देश के अन्य हिस्सों में लागू कर दोहराया जा सके। मैं आप सभी को गुणवत्तापूर्ण समाधान प्रदान करना चाहता हूं। मैं इसे लागू करने में आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा। देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं।

44 जिलों से पिछले 28 दिन में कोई मामला सामने नहीं आया

डॉ. हर्षवर्धन ने बाद में मीडिया से भी बातचीत में कहा, ‘इस समय हमारी सबसे बड़ी लड़ाई लोगों को कोविड से ‍निपटने के बारे में उचित व्यवहार सिखाने की है। लोगों ने लापरवाहीपूर्ण तरीका अपनाया है जो बहुत खतरनाक है। कोविड संबंधी उचित व्यवहार सबसे बड़ा सामाजिक उपकरण है जिससे हम संचरण की श्रृंखला को तोड़ सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘भारत में 52 जिले हैं जहां से पिछले सात दिन में कोई नया केस नहीं आया है। 34 जिलों से पिछले 14 दिन में, चार जिलों से पिछले 21 दिन में और 44 जिलों से पिछले 28 दिन में कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने रेमेडेसिवर और इटोलिजुमाब जैसी दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। समीक्षा के दौरान केन्द्रीय मंत्री के साथ एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और अन्य वरिष्ठ डॉक्टर भी थे।

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