बजट में स्वास्थ्य पर हो ज्यादा सुधार
सर्वे के अनुसार अर्थव्यवस्था को कोरोना काल से पूर्व की स्थिति में लाने के लिए कम से कम दो साल लगेंगे लेकिन जिस प्रकार के हालात हैं, उनमें अर्थव्यवस्था को सामान्य होने में दो साल से ज्यादा भी लग जाएं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।
शाकाहार है कोरोना मुक्ति का सशक्त आधार
मियामी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं ‘फिलॉस्फर एंड द वुल्फ’ और ‘एनिमल्स लाइक अस’ जैसी पुस्तकों के लेखक मार्क रौलैंड्स चेतना और पशु अधिकारों संबंधी अपने शोध के माध्यम से दुनिया को चेताया है कि मांसाहार कोरोना महामारी से भी अधिक बुरे नतीजे ला सकता है। यह न केवल हृदय संबंधी बीमारियां, कैंसर, डायबिटीज और मोटापा बढ़ा रहा है बल्कि पर्यावरण संबंधी कई समस्याएं भी पैदा कर रहा है, जिन्हें हम महसूस कर रहे हैं।