डब्लूएचओ बन गया कागजी शेर
सिर्फ दिखाने के लिए ही डब्लूएचओ का अस्तित्व है, वास्तव में उसके पास न तो संकटकाल से लड़ने और संकट काल से बाहर निकलने के लिए कोई कार्यक्रम हैं और न ही सशक्त नीतियां हैं। डब्लूएचओ के बड़े-बडे अधिकारी सिर्फ अपने भाषणों और समिनारों में ही रोगों से लड़ने और रोगों से जीवन बचाने की वीरता दिखाते हैं।
Rajasthan Assembly Elections: चुनावी सरगर्मियां तेज, मोदी, खड़गे एवं राहुल की होगी जनसभाएं
जयपुर (वार्ता) राजस्थान म...