Mother-in-law donate Kidney: गजब: मौत के मुंह से बहू को बचा लाई सास…ऐसा किया काम आप भी कहने लगेंगे वाह क्या बात है..
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धर्म की भूमिका
सेवकों को प्रणाम करते समय हम उनके प्रति स्नेहभाव व्यक्त कर रहे होते हैं। उन्हें तुच्छ भाव से नहीं देखना चाहिए। हरेक मनुष्य एक-दूसरे के समान है चाहे वह किसी भी तरह का कार्य करता हो। धर्म हमें यही तो सिखाता है।
विद्यासागर का जवाब
मार्शल ने अपने एक रिश्तेदार को पास करने की सिफारिश की। पर सिद्धांतवादी विधासागर ने साफ कहा कि मैं इस तरह की बेईमानी नहीं कर सकता। विधासागर जी का यह खरा जवाब सुनकर मार्शल की बोलती बंद हो गई। इसके बाद उसने फिर कभी ऐसी सिफारिश नहीं की।
























