परेशान हो उठे थे सुभाष
सुभाष बाबू बोले- यह देश हमारा है और हम आदेश विदेशियों का मानते हैं? क्या हम अपने घरों में उन लोगों के चित्र भी नहीं लगा सकते जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। यह तो जुल्म है। आज मुझे आजादी का महत्व समझ में आ गया है। इस घटना के बाद सुभाष बाबू पर देशभक्ति का रंग और गहरा हो गया।
England: डेरा सच्चा सौदा के स्थापना माह की ख़ुशी में दूसरों का जीवन बचाने के लिए इंग्लैंड की साध संगत ने किया रक्तदान
साध संगत ने किया 23 यूनिट...
Chandrayaan Moon Mission: इसरो ने दुनिया को फिर चौंकाया और चांद पर की ये खोज….
Chandrayaan Moon Mission:...
Hisar News: लावारिस हालत में मिले दो बच्चे डेरा सच्चा सौदा सेवादारों ने कुछ ही घंटों में अपनों से मिलवाए
Insaniyat Campaign: हिसार...
प्रेरणास्त्रोत :उपदेश का समय
स्वामी विवेकानंद से मिलने दूर दूर से लोग आया करते थे। एक बार अपने समय के मशहूर लेखक और पत्रकार सखाराम गदेड़स्कर अपने दो मित्रों के साथ स्वामी जी से मिलने गए। उन दिनों पंजाब में जबर्दस्त अकाल पड़ा हुआ था। बातचीत के दौरान जैसे ही स्वामी जी को पता चला कि उनमें से एक पंजाब के निवासी हैं, उन्होंने बातचीत की दिशा ही बदल दी।


























