संत शेख फरीद
महापुरुष सूखे नारियल की तरह होते हैं और आम आदमी गीले नारियल जैसा। जब तक वह भौतिक वस्तुओं के आकर्षण और रिश्ते-नातों के मोह में बँधा है, कष्ट की नौबत आने पर दुखी होता है, जबकि संत-महात्मा सूखे नारियल की भाँति मोह से परे होते हैं, जैसे खोल से सूखा नारियल।
दयनीय हालात में सड़क पर बेसुध पड़ा था अधेड़! ओड़िशा के डेरा सेवादारों ने देखा तो किया ये काम!
एनजीओ में पहुंचा, सेवादार...
हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है ‘शुक्र’
हमारा सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह शुक्र है ज्यादातर लोग हमेशा सोचते हैं कि सबसे गर्म ग्रह बुद्ध होगा क्योंकि यह सूर्य के ज्यादा नजदीक है जबकि ऐसा नहीं है। शुक्र के वायुमंडल में कई प्रकार की गैसें पाई जाती हैं जो कि ‘ग्रीन हाउस इफेक्ट’ का कारण बनती हैं अत: शुक्र अधिक गर्म है।
‘‘बेटा, धरती को बुरा नहीं कहते। देखना, कुछ समय लगेगा यह जमीन एक दिन तुम्हें हीरे-मोती देगी’’
सन् 1985 की बात है। उस सम...
आचार्य चाणक्य ने कहा
मनुष्य से अधिक कठोर कोई नहीं है, परिस्थितियाँ मनुष्य को अपने अनुकूल बना लिया करती हैं।
करनाल के एमएसजी आईटी विंग सदस्यों ने इंटरनेशनल ब्लड सेंटर में रक्त देकर बचाई मरीजों की जिन्दगी
पूज्य बापू मग्घर सिंह जी ...

























