अन्ना अनशन की घोषणा पर किसानों की चुप्पी
अन्ना का भ्रष्टाचार विरुद्ध आंदोलन एक विफल आंदोलन रहा है चूंकि तब केन्द्र सरकार ने उन मांगों को पूरा नहीं किया जिन्हें लेकर अनशन किया गया था।
क्या यह केवल बर्ड फ्लू है?
सरकार को इस बात को समझना होगा कि सामाजिक क्षेत्र में सुधार के बिना आर्थिक सुधार अपने आप में अभिशाप बन सकते हैं क्योंकि यदि सामाजिक क्षेत्र कमजोर होगा तो पूरी प्रणाली धराशायी हो सकती है।
स्वच्छता के बिना पूंजीनिर्माण एक अभिशाप
आमजन पीढ़ी दर पीढ़ी ये संस्कार देते थे कि पेड़-पौधों, जीवों, मिट्टी-हवा, पानी को नुक्सान नहीं पहुंचाया जाए।
सरकार पर भारी शराब माफिया
तमाम दावों और घोषणाओं के बावजूद देश में जहरीली शराब मौत का पर्याय बनी हुई है। न तो इसके अवैध निर्माण का कारोबार बंद हुआ है और न ही बिक्री पर रोक लग पाई है। नतीजतन हर साल जहरीली शराब से सैंकड़ों लोग बेमौत मारे जाते हैं।