हिन्दू शरणार्थियों के नरकीय जीवन के दोषी कौन?
हम लगभग 73 साल इन भेड़ियों के बीच कैसे रहे हैं, हम किस प्रकार के उत्पीड़न झेले हैं, हम किस प्रकार से प्रताड़ित हुए हैं, हमारे लाखों भाई-बहनों को किस प्रकार से अपने धर्म से विमुख होने के लिए मजबूर किया गया, अपने धर्म से विमुख होने से इनकार करने पर किस तरह से अंग-भंग किया गया, अस्मिता लूटी गयी