आखिर कैसे रूकेंगी बलात्कार की घटनाएं!
! इन विचारों से तो यही पता चलता है कि लड़कियां चाहे जितनी भी पढ़-लिख जाएं, अपने पैरों पर खड़ी हो जाएं, लोग उनसे ही सवाल पूछेंगे।
लड़कियों को अक्सर नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले उन्हें सताने वालों से आखिर कोई सवाल क्यों नहीं पूछते?
अर्थव्यवस्था की धीमी होती रफ्तार
इस तरह के योजनाओं और लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता है।
इसी तरह सरकार को आधारभूत संरचना पर भी खर्च में वृद्धि करनी होगी।
कृषि संबंधी नीतियों में समानता जरूरी
कृषि संकट को राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों में भी मुद्दा बनाया है
और कई राज्यों की सरकारें इस मुद्दे से मुक्कर भी चुकी है।
कई राज्यों की सरकारों ने अपने घोषणा पत्र में किए वायदे के अनुसार किसानों का कर्ज भी माफ किया लेकिन, फिर भी कृषि संकट टल नहीं रहा।
अमर प्रेम से कटी पतंग तक
सबसे पहले उसने दक्षिण भारतीयों को मराठी मानुष के दुश्मन के रूप में देखा फिर वामपंथियों, बिहारियों, मुसलमानों आदि का नंबर आया।
उदारवादियों का मानना है कि सत्ता में बने रहने के लिए सेना गिरगिट की तरह रंग बदल देगी किंतु यह इतना आसान नहीं है।
आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की आवश्कता
यह दुरुस्त है कि केंद्र ने आटो-मोबाइल क्षेत्र में आर्थिक मंदी से उभरने के लिए कार्पोरेट टैक्स में कटौती की है
लेकिन बाजार में अपेक्षित तेजी नहीं दिख रही। सोने की कीमतों में उछाल निरंतर जारी है।
सावधान…हैकर्स से देश की सुरक्षा को खतरा
पिछले दशकभर की बात करें तो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा डिजिटल होने का दावा हम करते आ रहे हैं।
तरक्की की तस्वीर भी अच्छे परिदृश्य के साथ दिख भी रही है।
“Interview with सच कहूँ” – अयोध्या मामला : वक्त मंदिर-मस्जिद से आगे सोचने का है: इकबाल अंसारी
मसले को उन्होंने हमेशा भाई-चारे से सुलझाने की वकालत की।
दरअसल, उनको मुल्क बहुत प्यारा था।
इसलिए उनके लिए मुल्क पहले था, मंदिर-मस्जिद बाद में।
नेताओं के बिगड़ते बोल
साध्वी प्रज्ञा ने करीब पांच महीने पहले भी नत्थुराम गोड़से को देशभक्त था,
है और रहेगा कहा था। तब भाजपा ने इस ब्यान से पल्ला झाड़कर और
साध्वी को चेतावनी देकर इतिश्री कर ली थी।
बाल श्रम की गिरफ्त में सिसकता बचपन!
झुग्गी बस्तियों में रहते हैं या वंचित परिवारों से आते हैं,
उनकी शिक्षा तथा सुरक्षा के लिए शहरों में 'बाल शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्र'
नाम से आवासीय विद्यालय की स्थापना की जा सकती है, जहां बच्चे रहकर ना सिर्फ पढ़ाई कर सकें,
आनर किलिंग पर सरकारें चुप क्यों?
अंतरजातीय विवाह से उपजे संकट का एक मात्र हल
पुरानी व नयी पीढ़ी के बीच आपसी समझ का पुल कायम करने की आवश्यकता है,
दो पीढ़ियों को आपस में एक-दूसरे को समझने की जरूरत है।


























