नोटबंदी से आखिर क्या हासिल हुआ?
नोटबंदी को दो साल से ज्यादा होने को आए, लेकिन उससे जुड़ी आश्चर्यजनक बातें एक के बाद एक सामने निकलकर आ रही हैं। ताजा खुलासा रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने किया है। नोटबंदी को लेकर आरबीआई ने सरकार को साफ तौर पर आगाह किया था कि नोटबंदी से कालेधन पर कोई ठोस अस...
राजनीतिक उथल-पुथल के साथ बीता 2018
वर्ष 2018 कुछ खट्टी, कुछ मीठी और कुछ कड़वी यादों के साथ हम सभी को अलविदा कह रहा है और हम नए साल का स्वागत करने को तैयार हैं। 2018 में देश में बहुत कुछ घटित हुआ, राजनीतिक दृष्टि से यह साल बहुत महत्वपूर्ण रहा तो सालभर में कई बड़े हादसे भी हुए, घाटी में आ...
राजनीति में भी हो सहिष्णुता
हिन्दुस्तान की राजनीति (Politics) ने अब एक नई राह पकड़ ली है। असहिष्णुता (Intolerance) की राह, नफरत व बदलाखोरी की राह। राजनीति में सिद्धांत, उसूल, मूल्य समाप्त होते जा रहे हैं। सिद्धांत केवल एक बचा है वो है साम, दाम, दंड भेद से सत्ता प्राप्त करना। आज ...
रूहानी सवाल-जवाब
जिज्ञासुओं के सवाल पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के जवाब:-
प्रश्न : कोई आत्महत्या कर लेता है तो क्या यह उस इन्सान की प्रारब्ध है? यदि उसका अंत ही ऐसा है तो उसे आत्महत्या का दंड क्यों?
उत्तर : एक-न-एक दिन हर किसी ने जाना है और कुदरती मृृत्यु क...
रोप-वे हादसा पर्यटन स्थलों पर लापरवाही का प्रमाण
देश में पर्यटन उद्योग के लिए किसी भी प्रकार की समस्या नहीं, बशर्ते सरकारी तौर पर पूरे प्रबंध हों। झारखंड में रोप-वे हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद राज्य सरकार के प्रबंधों पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं लापरवाह सिस्टम ने पर्यटन उद्योग को ब...
तम्बाकू के शौकीनों का दुश्मन है ‘कोरोना’
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं उनमें कोविड-19 का संक्रमण अधिक तेजी से फैलता है। क्योंकि तंबाकू का उपयोग करने वालों का फेफड़ा अपेक्षाकृत कमजोर होता है। जिससे इस तरह के व्यक्तियों में न केवल कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक होता है बल्कि फेफड़ा कोरोना वायरस व उससे जुड़ी बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम नहीं होता है।
सब धर्म सतगुरु जी को जान से भी प्यारे …
सच्चा सौदा के पूज्य संत सतगुरु जी समाज में जगृति हैं लाते
सर्वधर्म के बन अटूट पक्षधर सौहार्द का परचम फहराते।
सब धर्म सतगुरु जी को जान से भी प्यारे हैं
सभी धर्मों के सब संत महात्मा जग से न्यारे हैं।
सर्व धर्म से सतगुरु साईं करते अभिन्न प्यार
सर...
इंदिरा गांधी की राजनीति
बात 1969 की है। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। उस समय कांग्रेस में कुछ बुजुर्ग नेताओं का सिंडिकेट हावी था। इंदिरा गांधी की भूमिका राम मनोहर लोहिया के शब्दों में गूंगी गुड़िया से ज्यादा नहीं थी। पार्टी में उनको सुनने वाले बहुत कम थे। इंदिरा चाहत...
अफगानिस्तान में भारत की चिंता
अमेरिका सेना की वापिसी के बाद देश के 85 प्रतिशत हिस्से पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। 20 साल की अधूरी लड़ाई के बाद अमेरिका अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है और यह वापसी अगस्त महीने तक पूरी हो जाएगी। अमेरिका ने इसके लिए 11 सितंबर की आखिरी डेडलाइन तय की...
महंगाई का हल आवश्यक
महंगाई ने आम आदमी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। जनवरी में महंगाई की दर 7.59 फीसदी दर्ज की गई है। दिसंबर 2019 में यह 7.35 फीसदी स्तर पर रही थी। बड़ी हैरानी की बात है कि दिसंबर में ही इस बात का अनुमान लग गया था कि जनवरी में महंगाई 8 फीसदी तक पहुंच...
विश्व समाचार: पुलवामा त्रासदी से उठे प्रश्न?
पुलवामा आतंकवादी हमला और उसके बाद सेना द्वारा की गयी आतंकवाद रोधी कार्यवाही गरमागरम बहस के मुद्दे बने हुए हैं। अति राष्ट्रवादी मीडिया विशेषकर टेलीविजन मीड़िया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है और आप टीवी स्टूडियों में आमंत्रित श्रौताओं के मुंह से वंदे मातरम...
हकीम का फर्ज
वह दूसरे राज्यों में भी रोगियों को देखने जाया करते थे। पैसे, मान-सम्मान की भूख उनको बिलकुल नहीं थी। सेवा ही उनके जीवन का लक्ष्य थी।
आय बढ़ने पर भी खुशहाली की गारंटी नहीं
हाल ही में संयुक्त राष्टÑ की ओर से विश्व खुशहाली पर एक रिपोर्ट जारी हुई है, भारत उसमें 140वें पायदान पर है जबकि कुछ वर्ष पहले भारत 133वें पायदान पर था, हम सात पायदान नीचे गिर चुके हैं। देश में जैसे-जैसे आर्थिक तानाबाना फैल रहा है देश में खुशहाली का स...
मीडिया की परीक्षा: विश्वसनीय सूचना महत्वपूर्ण
मीडिया के बारे में उच्चतम न्यायालय की हाल में की गयी टिप्पणी को पत्रकारों को सही परिप्रेक्ष्य में लेना चाहिए। मुख्य न्यायधीश मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा हमें यह कहते हुए खेद है कि कुछ पत्रकार मानते हैं कि वे किसी मंच पर बैठे हुए हैं और कुछ...