खुद से हारेगी दिल्ली में भाजपा ?
दिल्ली की झुग्गी झौपड़ियां और दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाली आबादी के सबंध में इनकी जानकारी ही नहीं है, ये सिर्फ मीडिया में ही धमाल मचा पाते हैं, इनकी प्राथमिकता में एयर कंडिशन की संस्कृति हैं, पेज थ्री की संस्कृति हैं। प्रोफेशनल लोग वोट कहां डालते हैं, प्रोफेशनल लोगो के पास वोट डालने का समय कहां होता हैं|
अर्थव्यवस्था व स्वदेशी को प्रोत्साहन सराहनीय
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर स्वदेशी को प्रोत्साहन देने की कोशिश की है, वह सराहनीय है। अब आर्मी कैन्टीन्स पर स्वदेशी सामान ही बेचा जाएगा। आमजन को भी चाहिए कि वह खुलकर स्वदेश निर्मित वस्तुएं खरीदें एवं विदेशी को तब खरीदें जब स्वदेशी न मिले।
परेशान हो उठे थे सुभाष
सुभाष बाबू बोले- यह देश हमारा है और हम आदेश विदेशियों का मानते हैं? क्या हम अपने घरों में उन लोगों के चित्र भी नहीं लगा सकते जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। यह तो जुल्म है। आज मुझे आजादी का महत्व समझ में आ गया है। इस घटना के बाद सुभाष बाबू पर देशभक्ति का रंग और गहरा हो गया।


























