उपदेश का समय
स्वामी विवेकानंद जी क्षण-भर तो चुप रहे, फिर बड़े गंभीर स्वर में बोले-'देखो भाई, जब तक मेरे देश में एक भी छोटा बच्चा कहीं भूखा है, तब तक उसे खिलाना ही हमारा सच्चा धर्म है। इसके अलावा जो कुछ भी है, वह झूठा धर्म और ज्ञान है।
हमारे सौर मंडल में कम से कम 135 चाँद और हैं
धरती से अक्सर आसमान में देखने पर एक खूबसूरत चीज नजर आती है। जिसे हम चांद कहते हैं। जी हां वही चांद जो पूर्णिमा पर पूरी तरह से नजर आता है और अमावस्या के दिन न जाने कहां गायब हो जाता है। पूरी दुनिया में इसकी खूबसूरती के जलवे हैं।
जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है?
कितनी ही बार बड़े काम आसानी से हो जाते हैं, पर छोटी चीजें देर तक अटकाए रहती हैं।
बड़ी मुसीबतें और दुख झेल लिए जाते हैं, छोटे-छोटे दुखों से उबरना कठिन हो जाता है। दरअसल शुरू में हमें छोटे कामों की अहमियत ही नहीं पता चलती।


























