नियमों के खिलाफ सोलर पम्प प्रयोग किया तो पड़ेंगे लेने के देने

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पीएम कुसुम योजना के तहत लगाए गए सोलर पंप की वापस जमा करानी पड़ेगा 75 फीसदी अनुदान राशि

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। प्रदेश में किसानों की फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने व खेती-बाड़ी में लागत खर्च को कम करने के सरकार के स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत विभिन्न प्रकार की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। इन्हीं में एक है पीएम कुसुम योजना। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा द्वारा सोलर पंप (Solar Pump) लगाने के लिए किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत 75 प्रतिशत अनुदान दिया गया है, ताकि किसानों पर ज्यादा वित्तीय बोझ न पड़े।

उन्हें पारंपरिक पम्पों से छुटकारा मिल सके। जब पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप (Solar Pump) लगाने की स्वीकृति दी जाती है तो उस समय किसानों से यह लिखित रूप में लिया जाता है कि वे अपने यहां लगने वाले सोलर पंप को न तो किसी अन्य व्यक्ति को बेचेंगे व न ही उसे अन्य जगह शिफ्ट करेंगे। यदि वे ऐसा करेंगे तो सरकार उन्हें दी गई 75 प्रतिशत अनुदान राशि वापिस ले सकती है।

अब नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग को इस प्रकार की शिकायतें मिल रही हैं कि कई किसानों ने अपने सोलर (Solar Pump) वाटर पम्पिंग सिस्टमों को किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया है। या फिर निर्धारित स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थापित कर उन्हें अन्य किसी कार्य में उपयोग में लाया जा रहा है। ऐसी शिकायतों पर प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है।

अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने जिला के सब्सिडी प्राप्त किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे किसी भी नियम विरुद्ध कार्य करने से बचें। न ही किसी के बहकावे में आयें। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा समय समय पर मौके पर जाकर औचक निरीक्षण भी किया जाता है। निरीक्षण में अगर किसी भी तरह के नियमों के विरुद्ध काम पाया गया तो किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान राशि सरकार के खाते में वापस जमा करानी पड़ेगी।

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